टीएस सिंहदेव का बढ़ रहा कद,भूपेश बघेल विवादों में
2023 के विधानसभा चुनाव में सिंहदेव ने चुनाव घोषणा पत्र समिति में रहने की अनिच्छा जता दी थी। चुनाव में कांग्रेस को हार मिली लेकिन कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने एक बार फिर सिंहदेव पर भरोसा जताया है।

नईदुनिया प्रतिनिधि, अंबिकापुर: कांग्रेस संगठन में छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री का कद लगातार बढ़ रहा है वहीं प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल विवादों में हैं। इन दोनों के बीच छत्तीसगढ़ में राजनीतिक खींचतान किसी से छिपा नहीं है। इस बीच प्रदेश में भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार जाने के बाद पूर्व उपमुख्यमंत्री का दिल्ली में कद बढ़ता जा रहा है। दो दिन पूर्व उन्हें कांग्रेस ने हरियाणा, महाराष्ट्र, झारखंड, जम्मू कश्मीर के विधानसभा चुनाव के लिए घोषणा पत्र बनाने की बड़ी जिम्मेदारी दे दी है। उनके साथ अमिताभ दुबे को भी अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने जिम्मेदारी दी है। वर्ष 2018 के छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के लिए भी टीएस सिंहदेव को चुनाव घोषणा पत्र समिति का संयोजक बनाया गया था। पिछले लोकसभा चुनाव में भी उन्हें घोषणा पत्र समिति में प्रमुख जिम्मेदारी दी गई थी। वर्ष 2018 में छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सत्ता की वापसी में सिंहदेव के घोषणा पत्र को महत्त्वपूर्ण माना गया था।घोषणा पत्र के लिए उन्होंने समूचे प्रदेश का दौरा कर समाज व संगठन के लोगों से भी मुलाकात की थी।2023 के विधानसभा चुनाव में सिंहदेव ने चुनाव घोषणा पत्र समिति में रहने की अनिच्छा जता दी थी। चुनाव में कांग्रेस को हार मिली लेकिन कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने एक बार फिर सिंहदेव पर भरोसा जताया है।बता दें, छत्तीसगढ़ में 2018 में बतौर प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल और नेता प्रतिपक्ष सिंहदेव की जोड़ी ने कांग्रेस में एकजुटता ने 15 वर्ष चलने वाली डा रमन सिंह की सरकार को परास्त किया था, तब भाजपा 15 सीटों में सिमट गई थी। कांग्रेस की यह छत्तीसगढ़ में सबसे बड़ी जीत थी। बड़ी जीत के बाद भी कांग्रेस नेतृत्व ने काफी जद्दोजहद के बाद भूपेश बघेल को प्रदेश का मुख्यमंत्री बना दिया था।दावेदार सिंहदेव भी थे।यह भी चर्चा पांच साल तक चलती रही कि दोनों को ढाई-ढाई साल मौका दिए जाने की बात थी। राज्य में सरकार बनने के बाद दोनों की जोड़ी टूट गई और रास्ते भी अलग-अलग हो गए। विवाद तब और बढ़ गया जब सिंहदेव ने पंचायत व ग्रामीण विकास विभाग से त्यागपत्र दे दिया। छत्तीसगढ़ में इन दोनों के बीच खाई इतनी बढ़ गई की कांग्रेस संगठन ने 2023 के विधानसभा चुनाव से महज चार माह पूर्व सिंहदेव को उपमुख्यमंत्री बना दिया और भूपेश बघेल के विभाग के ऊर्जा विभाग दे दिया पर मामला काफी बिगड़ चुका था यह सब कारण भी छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार जाने का रहा। लोग इतने नाराज थे कि उत्तर छत्तीसगढ़ की 14 में से 14 सीटें कांग्रेस हार गई।यहां तक की अंबिकापुर विधानसभा सीट से सिंहदेव भी 92 मतों से चुनाव हार गए।केंद्रीय नेतृत्व ने हार की समीक्षा की तो हर जगह ठीकरा पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर पदाधिकारी और कार्यकर्ता फोड़ने लगे। इसके बाद कई विवादों में भूपेश बघेल आ गए और संगठन ने सिंहदेव को आगे बढ़ाना शुरू किया। उन्हें लोकसभा चुनाव घोषणा पत्र समिति में अहम जिम्मेदारी दी थी और अब चार राज्यों के चुनाव में घोषणा पत्र समिति की बड़ी जिम्मेदारी दी है।