सेहत

रोजाना खाने के बाद इस 1 पत्ते को चबा लें, बॉडी से सारे टॉक्सिन निकल जाएंगे और नसें पड़ जाएंगी हल्की, सदगुरु ने बताएं फायदे

पान का पत्ता जिसका इस्तेमाल हिन्दू धर्म में पूजा के लिए किया जाता है और मुस्लिम धर्म के लोग इसे खुशहाली के मौके पर हरी-भरी चीज के रूप में इस्तेमाल करते हैं। पान के पत्ते को कत्था-चूना लगाकर सुपारी के साथ भी खाया जाता है। पान और सुपारी का सेवन अक्सर लोग खाने के बाद करते हैं। आप जानते हैं कि पान का पत्ता इतनी ज्यादा पावर रखता है कि इससे न्यूरोलॉजिकल परेशानियों को दूर किया जा सकता है। इस पत्ते का सेवन करने से बॉडी एक्टिविटी को बेहतर बनाया जा सकता है।

सदगुरु जग्गी वासुदेव के मुताबिक पान के पत्ते का सेवन करने से न्यूरोलॉजिकल सिस्टम दुरुस्त रहता है। क्षारीय प्रकृति का पान का पत्ता पाचन को दुरुस्त करता है। इसका सेवन करने से बॉडी से टॉक्सिन निकलते हैं। इसे खाने से बॉडी में मौजूद अम्लीय जहर निष्क्रिय हो जाता है। आप जानते हैं कि इस पत्ते में सांप का जहर भी कम करने की ताकत है।सदगुरु के मुताबिक इस पत्ते को तने से एक इंच की दूरी से काटा जाए तो इसके सारे औषधीय लाभ हासिल किए जा सकते हैं। इस तने को पास से काटने से इसके औषधीय गुण खत्म हो जाते हैं। आइए जानते हैं कि पान के पत्ते का सेवन करने से सेहत को कौन-कौन से फायदे होते हैं और इसका सेवन कैसे करें

नसों की जकड़न को कम करता है पान का पत्ता

पान के पत्ते में न्यूरोलॉजिकल परेशानियों को दूर करने की ताकत होती है। इस पत्ते का सेवन करने से न्यूरोलॉजिकल जटिलता दूर होती है और चीजों को समझने की क्षमता में सुधार होता है। इसका सेवन करने से सोचने, समझने की क्षमता बेहतर होती है। ये नसों की जकड़न को कम करता है और न्यूरोलॉजिकल सिस्टम को बढ़ाता है। कभी कभी इस पत्ते का सेवन करने से सेहत को बेहद फायदा होता है। न्यूरोलॉजिकल सिस्टम में सक्रियता लाने में ये पत्ता जादुई असर करता है

पान का पत्ता खाने के फायदे

  • पान के पत्ते का सेवन करने से पाचन दुरुस्त रहता है। रोजाना खाना खाने के बाद इस पत्ते का सेवन किया जाए तो पाचन से जुड़ी परेशानियां जैसे गैस, एसिडिटी और अपच से राहत मिल सकती है।
  • पेट से गंदे बैक्टीरिया को दूर करने में ये पत्ता असरदार है। एंटीबैक्टीरियल गुणों से भरपूर पान का पत्ता बॉडी से टॉक्सिन को बाहर निकालता है।
  • मुंह के बैक्टीरिया से निजात दिलाने में ये पत्ता बेहद गुणकारी हैं। पान के पत्ते में गैस्ट्रो प्रोटेक्टिव गुण मौजूद होते हैं जो मुंह के छालों से राहत दिलाते हैं।
  • गठिया के दर्द को दूर करने में और अस्थमा का इलाज करने में ये पत्ता जादुई असर करता है।

पत्ते का सेवन कैसे करें

सदगुरु ने बताया कि पान के इस पत्ते का सबसे जरूरी हिस्सा इस पत्ते की रीढ़ है। इसे कभी भी लम्बाई में नहीं काटना चाहिए। अगर आप इस पत्ते को बीचो बीच से काट देते हैं तो इसके सारे गुण बंट जाते हैं। ये गुण किसी एक को मिलेंगे दूसरे इंसान को इसका कोई फायदा नहीं होगा।

 

 

Manoj Mishra

Editor in Chief

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