सुनेल. क्षेत्र के रोशनबाड़ी लघु सिंचाई परियोजना के तहत बनाए गए बांध में पहली बार पानी आया और इसमें रिसाव शुरू हो गया। इस बांध को बने दो साल हो गए और इस पर करीब 29 करोड़ 85 लाख रुपए की लागत आई है। बांध पहली बार भरा है और रिसाव होना कहीं न कहीं इसकी निर्माण गुणवत्ता पर सवालिया निशान है।
जानकारी के अनुसार वर्ष 2015 में कमांड क्षेत्र के किसान सरसब्ज होने के उद्देश्य से तत्कालीन राज्य सरकार ने सिंचाई परियोजना के लिए सुनेल तहसील के 14 गांवों की 2860 हैक्टेयर भूमि में सिंचाई के लिए 29 करोड़ 85 लाख रुपए की लागत से बांध का निर्माण करने की मंजूरी दी। इसके बाद जल संसाधन विभाग ने टैंडर प्रक्रिया कर बांध का निर्माण कार्य शुरू किया। वर्ष 2022 में इस बांध का निर्माण कार्य पूर्ण हुआ लेकिन तब से ही क्षेत्र में अल्प बारिश के चलते यह भर नहीं पाया। इस बार क्षेत्र में अच्छी बारिश होने के साथ ही बांध में पानी की अच्छी आवक शुरू हो गई है। बांध में पानी की आवक होने से बांध का जलस्तर 352.65 मीटर पर पहुंच गया है। बांध की कुल भराव क्षमता 355 मीटर है।
ग्रामीण मांगीलाल धाकड़, जानकीलाल धाकड़, रोडूलाल पटेल, हरिसिंह धाकड़, रुपालालधाकड़ आदि ने बताया कि निर्माण कार्य में काफी अनियमितता बरती गई है। जिसे लेकर किसानों द्वारा शुरू से ही विरोध जताया जा रहा है, लेकिन अधिकारियों ने कभी भी इसकी सुध नहीं ली। बांध के निर्माण के लिए जो मापदंड तय किए गए थे उनकी अनदेखी कर निर्माण किया गया।
ये गांव होंगे लाभान्वित
रोशनबाड़ी लघु सिंचाई परियोजना से क्षेत्र के रोशनबाड़ी, चछलाई, उन्हैल, कांदलखेड़ी, कल्याखेड़ी, लालगांव, आकोदिया, चछलाव, भटखेड़ा, कलोतिया, गुराडिय़ा लघु सिंचाई परियोजना से मांडा, श्यामपुरा, पृथ्याखेड़ी, बिरियाखेड़ी, रूडंलाव, गादिया लाभान्वित होंगे।
पाइप के जॉइंट से लीेकेज हो रहा है। धीरे-धीरे समय के साथ पानी निकालना बंद हो जाएगा। इससे बांध को कोई नुकसान नहीं है।
कमलेश कुमार मीणा, सहायक अभियंता, जलसंसाधन विभाग