लखीमपुर खीरी की जिलाधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल ने बुधवार सुबह ब्लॉक लखीमपुर के कई परिषदीय स्कूलों का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान प्राथमिक विद्यालय चिमनी में पहुंचीं डीएम ने शैक्षिक गुणवत्ता परखी। उन्होंने टीचर की तरह क्लास लेकर विद्यार्थियों को पढ़ाया। उनसे दो और चार का पहाड़ा सुनने के साथ ब्लैकबोर्ड पर लिखवाकर शिक्षा की गुणवत्ता परखीनिरीक्षण के दौरान डीएम ने शिक्षकों की उपस्थिति के संबंध में बच्चों से ही पूछताछ की। हेडमास्टर ने डीएम को विद्यालय में नामांकित बच्चों के सापेक्ष उपस्थित बताई। डीएम ने कक्षा में छात्रों से पढ़ाई के बारे में जानकारी ली। स्कूल में पढ़ रहे छात्र-छात्राओं को मन लगाकर पढ़ाई करने और अपने परिवार व जिले का नाम रोशन करने के लिए प्रेरित किया। शिक्षक अभिभावकों से संपर्क कर छात्र उपस्थिति बढ़ाएं। डीएम ने संविलियन विद्यालय आधाचाट में कक्षा पांच के निरीक्षण के दौरान पाया कि सहायक अध्यापिका कल्पनाराज बच्चों को गणित पढ़ा रही थीं।
प्राथमिक विद्यालय चिमनी के निरीक्षण के दौरान डीएम ने उपस्थिति पंजिका से बच्चों की उपस्थिति का सत्यापन किया। छात्रा रूबी, अंशु से क्लास रूम में मौजूद बच्चों की संख्या भी गिनवाई। बच्चों से पहाड़े सुने, सही सुनाने तालियां भी बजवाई। डीएम ने बच्चों को हाथ साफ कर भोजन करने, उठने के बाद और सोने से पहले ब्रश करने के फायदे बताकर इसे दिनचर्या में शामिल करने की प्रेरणा दी। निर्माणाधीन विद्यालय भवन का भी निरीक्षण कर गुणवत्ता देखी। बीडीओ सदर को निर्देश दिए की अपने सुपरविजन में एक माह में भवन को गुणवत्ता के साथ पूर्ण कराया जाए।
रागिनी का नेत्र परीक्षण करेगी हेल्थ टीम
डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल ने यूपीएस पिपरिया पहुंचकर पठन-पाठन की गुणवत्ता परखी। डीएम की निगाह नेत्र विकार से ग्रसित क्लास सातवीं की छात्रा रागिनी राज पर गई डीएम ने सीएमओ को निर्देशित किया कि चिकित्सा टीम से रागिनी की नेत्र जांच कराते हुए वस्तुस्थिति से अवगत कराए। कक्षा आठ की क्लास में शिक्षिका द्वारा पुस्तक को पढ़ाया जा रहा है। इस पर उन्होंने बच्चों से पुस्तक पढ़वाई व रीडिंग स्किल चेक की। विद्यालय परिसर में हैंडपंप में गंदा पानी आने पर प्रधान पर गहरी नाराजगी जताते हुए यथाशीघ्र रिबोर कराने के निर्देशित किया।
निरीक्षण के दौरान डीएम ने शिक्षण स्टाफ को निर्देश दिया कि बच्चों को गुणवत्तापरक शिक्षा प्रदान करने के साथ-साथ सांस्कृतिक, खेल व उनके रूचि के अनुसार जागरूक भी करें। डीएम ने बच्चों से विभिन्न रंगों, आकृतियों के बारे में पूछते हुए बच्चों को दी जा रही शिक्षा की गुणवत्ता की परख की। साथ ही पठन-पाठन, साफ-सफाई, मध्याह्न भोजन आदि की जांच की। छात्र-छात्राओं से रूबरू होते हुए उन्हें मन लगाकर पढ़ने, गुरुजनों व माता-पिता का आदर करने, स्वच्छता अपनाने की नसीहत दी।