जब भी हम लोग कोई सामान खरीदने बाजार जाते हैं तो उसके पैकेट पर मैन्यूफैक्चरिंग और एक्सपायरी डेट जरूर देखते हैं. फिर चाहे वह रसोई का सामान हो, खाने-पीने का या कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स हों. ऐसा आजकल इसलिए भी है क्योंकि ज्यादातर चीजें पैकेज्ड रूप में मिल रही हैं और उनके पैकेट्स पर ये दोनों तारीखें लिखी होती हैं. इसका सीधा-सीधा मतलब हम लोगों की समझ में आता है कि यह चीज इस महीने या या इस तारीख में बनी है और इस तारीख के बाद एक्सपायर्ड हो जाएगी. अक्सर आपने ऐसा किया भी होगा कि डेट एक्सपायर होते ही चीजों को फेंक दिया होगा, या कभी ऐसा भी हुआ होगा कि एक्सपायर्ड चीज को भी आप बिना चेक किए लंबे समय से इस्तेमाल कर रहे हों, फिर अचानक आपको इसका पता चला हो.लेकिन कभी आपने सोचा है कि दूध, ब्रेड, नमकीन, मसाले, क्रीम, पाउडर से लेकर सभी पैक्ड सामानों के पैकेट पर ये एक्सपायरी डेट, बेस्ट बिफोर या यूज बाय डेट क्यों लिखी होती है? और क्या इस डेट के निकलते ही चीज वास्तव में खराब हो जाती है और उपभोग करने लायक नहीं रहती? क्या एक्सपायरी के बाद किसी प्रोडक्ट के इस्तेमाल से नुकसान हो जाता है? आज आपके इन सभी सवालों के जवाब एफएसएसएआई की नेशनल फूड लेबोरेटरी के डायरेक्टर एके अधिकारी से जानते हैं.
एफएसएसएआई के नियमानुसार किसी भी फूड, कॉस्मेटिक, वेबरेज या उपभोग करने वाली चीज के पैकेट पर मैन्यूफैक्चरिंग और एक्सपायरी डेट लिखी जाती है. मैन्यूफैक्चरिंग डेट वह होती है, जिस तारीख में यह सामान बनाया और पैक किया गया है. वहीं एक्सपायरी डेट या यूज बाय डेट वह होती है, जिस तारीख के बाद बताया जाता है कि इस सामान को इस्तेमाल न करें. इसे इस्तेमाल करने के नुकसान भी हो सकते हैं.
वहीं कई पैकेट पर लिखा होता है बेस्ट बिफोर जून 2024, या जुलाई 2025 आदि. इस डेट का मतलब होता है कि फलां तारीख तक अगर आप सामान को इस्तेमाल करते हैं तो इसकी क्वालिटी बेस्ट रहेगी लेकिन इसके बाद अगर आप उसका इस्तेमाल जारी रखते हैं तो क्वालिटी में अंतर आ सकता है. हालांकि इसका मतलब ये नहीं है कि प्रोडक्ट खराब हो चुका है और आप इसे इस्तेमाल ही नहीं कर सकते. इसे इस्तेमाल कर सकते हैं.क्या एक्सपायरी डेट निकलते ही खराब हो जाता है सामान?
अधिकारी कहते हैं कि ऐसा नहीं है कि एक्सपायरी डेट आते ही या निकलने के एक दिन के भीतर ही कोई भी सामान खराब हो जाता है और उसे फेंक दिया जाए. हां उसके स्वाद, गंध, असर में थोड़ा अंतर आ सकता है. वहीं जैसे डेयरी प्रोडक्ट हैं तो उनमें बदबू आ सकती है, दूध फट सकता है, दही के स्वाद में अंतर आ सकता है आदि.
मसाले, मेवा, खानपान के अन्य सामान, तेल, शैंपू, क्रीम आदि को आप एक्सपायर होने के 8-10 दिन या इसके बाद तक भी इस्तेमाल कर सकते हैं. ऐसा जरूरी नहीं है कि वह नुकसान करेगा और उसे तुरंत फेंक देना है लेकिन चूंकि एफएसएसएआई के मानक हैं तो एक तय सीमा बताना जरूरी होता है.
कई बार देखा गया है कि कई प्रोडक्ट की एक्सपायरी एक साल बाद होनी है लेकिन प्रोडक्ट खराब हो गया या उसमें दिक्कतें आ गईं, ऐसा अन्य कई फैक्टर्स की वजह से भी होता है.
लीगल एक्शन से भी जुड़ा है मामला
अधिकारी कहते हैं कि एक मामला कोर्ट में पहुंचा था कि किसी चीज के कंजप्शन से लोगों की तबीयत बिगड़ गई, उन्होंने कंपनी पर केस कर दिया लेकिन बाद में पता चला कि उस सामान की एक्सपायरी डेट निकल चुकी थी और उन लोगों ने एक्सपायर्ड सामान का इस्तेमाल किया था, जिसका नुकसान हुआ, ऐसे में कंपनी पर कोई एक्शन नहीं हुआ.
लिहाजा एक्सपायरी डेट का मामला कानूनी कार्रवाही में भी भूमिका निभाता है. अगर एक्सपायर्ड न होने के बावजूद चीज में कमी मिलती है तो निर्माता के खिलाफ लीगल एक्शन भी हो सकता है.