Blog

भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी कन्हर नदी, छत्तीसगढ़ और झारखंड के लिए वरदान मानी जाने वाली नदी सूखी

बलरामपुर। प्राकृतिक संरचना के साथ खिलवाड़ करना कितना महंगा पड़ा है यह इस बात से समझा जा सकता है कि बलरामपुर रामानुजगंज जिले की सबसे बड़ी नदी कन्हर जो अप्रैल के पहले पखवाड़े से ही सूख गई। वहीं दूसरी ओर छोटी नदी सिंदूर में अभी भी पानी चल रहा है। कन्हर नदी में रामानुजगंज में एनीकट एवं कोटपाली में कोटपाली बांध बनाया गया है दोनों संरचना जल संसाधन विभाग के द्वारा बनाई गई है यह दोनों भ्रष्टाचार के भेंट चढ़ गई और नदी जो पहले कभी नहीं सूखती थी वह सूखने लगी है। नदी में बना दोनों संरचना वरदान के जगह अभीश्राप साबित हुआ।

गौरतलब है कि बलरामपुर रामानुजगंज जिले की प्रमुख जीवनदायनी माने जाने वाली कन्हर नदी पहले भीषण से भीषण गर्मी में भी नहीं सूखती थी। यह छत्तीसगढ़ एवं झारखंड दोनों राज्यों के लिए वरदान थी। परंतु कुछ वर्षों में नदी के साथ खिलवाड़ करना महंगा पड़ा बिना इसके प्रकृति को समझे संरचना का निर्माण जल संसाधन विभाग के द्वारा कर दिया गया। रामानुजगंज में करोड़ों रुपए लागत से एनीकट का निर्माण हुआ है वही कोटपाली बांध भी बनाया गया है कोटपाली बांध में करोडो रुपए खर्च कर दिए गए दोनों संरचना भ्रष्टाचार के भेंट चढ़ गई। स्थिति यह है कि प्रकृति से अनावश्यक हुई छेड़छाड़ से नदी भी जो पहले कभी नहीं सूखती थी अब सूखने लगी।

गंगा में मिलता है कन्हर का पानी
कन्हर नदी का उदगम जशपुर के खुडिय़ा पठार से हुआ है जो छत्तीसगढ़ एवं झारखंड से होते उत्तर प्रदेश में जाकर सोन नदी में मिलती है और सोन नदी गंगा में मिलती है इस प्रकार कन्हर का पानी गंगा में जाकर मिलता है।

करीब 13 अरब की परियोजना से दूर होगा गढ़वा जिले का सुखाड़, कन्हर के पानी की उपयोग की विस्तृत योजना पर हो रहा काम छत्तीसगढ़ की सीमा से लगे गढ़वा जिले के सुखाड़ को दूर करने के लिए रामानुजगंज के जिला जेल के पीछे झारखंड के ग्राम भंवरी में एलएनटी कंपनी के द्वारा बरसात के समय कन्हर के पानी को अंडरग्राउंड पाइप के माध्यम से विभिन्न जलाशयों में ले जाने के योजना पर तेजी से काम हो रहा है। परंतु अफसोस की छत्तीसगढ़ की नदी छत्तीसगढ़ वासियों के काम नहीं आ पा रही है।

30 अरब लागत से बन रहा है अमवार डेम
छत्तीसगढ़ के कन्हर नदी की पानी की उपयोगिता झारखंड के साथ-साथ उत्तर प्रदेश में भी कितनी उपयोगी साबित होगी। यह उत्तर प्रदेश के अमवार में 30 अरब लागत से पूर्णता की ओर अग्रसर अमवार डेम जा सकता है। कन्हर के पानी का उपयोग उत्तर प्रदेश एवं झारखंड बड़े पैमाने पर करेगा वही छत्तीसगढ़ कन्हर के पानी के उपयोगिता को लेकर कोई ठोस कार्य नहीं कर पा रहा है।

सूखने लगे हैंडपंप और कुंआ
जल संसाधन विभाग के घोर लापरवाही के कारण अप्रैल के प्रथम पखवाड़े में कन्हर नदी पूर्णता सूख गई थी वहीं अब तेजी से नौतपा में हैंडपंप एवं कुआं सूखते जा रहे हैं जिस कारण रामानुजगंज सहित सरहदी क्षेत्रों में पेयजल संकट गहराते जा रहा है आने वाले कुछ दिनों में स्थिति और भयावह हो जाएगी।

The post भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी कन्हर नदी, छत्तीसगढ़ और झारखंड के लिए वरदान मानी जाने वाली नदी सूखी appeared first on ShreeKanchanpath.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button