छत्तीसगढ़

मजदूर के खून से रंग गई बीएसपी की दीवार, अब लीपापोती की तैयारी

भिलाई इस्पात संयंत्र के सेक्टर-9 हॉस्पिटल में फायर स्टेशन तैयार किया जा रहा है। अस्पताल परिसर में जिस जगह काम चल रहा है, वहां सोमवार की शाम में भारी पैनल को रखा जा रहा था। पैनल जिस स्थान पर था, उसके ठीक बाजू में भूतल बना हुआ है, पैनल को एक स्थान से दूसरे जगह शिफ्ट करने के लिए पाइप का इस्तेमाल किया जा रहा था। इस दौरान पैनल मजदूर लाल बहादुर सिंह, सेक्टर-6 निवासी के ऊपर गिरा, जिससे उसका सिर भूतल की ओर हो गया, पैनल में मजदूर दब गया था और उसका ऊपर से भूतल की ओर गिर रहा था, जिसकी वजह से उसके खून से दीवार रंग गया। आनन-फानन में सेक्टर-9 अस्पताल के आईसीयू में उसे दाखिल किया गया। जहां उसकी मौत हो गई। शव को सेक्टर-9 अस्पताल के चीरघर में रख दिया गया है। अब पूरे मामले में लीपापोती की तैयारी है।

एसएमएस-2 का है श्रमिक

स्टील मेल्टिंग शॉप 2 में ब्रेथ वे नामक कंपनी ने रेल मेंटनेंस का काम लिया है। इस काम को पेटी ठेकेदार पाल इंजीनियरिंग कर रहा है। लाल बहादुर सिंह एसएमएस 2 में ही काम कर रहा था। उसका गेटपास भी वहां का ही बना हुआ है। ठेका कंपनी के मुताबिक उसका ईएसआई व पीएफ भी है। इस तरह से वह एसएमएस 2 में ही काम करता था। करीब डेढ़ वर्ष से इस कंपनी में वह काम कर रहा था।

फायर स्टेशन का काम भी लिया पेटी में

सेक्टर-9 में फायर स्टेशन निर्माण का कार्य जीडी माइक्रोफोनिक कंपनी ने लिया। इस काम को भी पाल इजीनियरिंग ने पेटी में ले लिया। इस तरह से एसएमएस 2 और सेक्टर-9 के फायर स्टेशन का दोनों काम एक ही पेटी ठेकेदार कर रहा था।

एक ही एजेंसी का काम होने से बुलाते हैं दूसरे साइड में

एक ही एजेंसी का एक से अधिक स्थान पर काम चलता है, तब ठेकेदार एक जगह से कर्मी को दूसरे जगह काम करने के लिए बुला लेते हैं। पैनल को शिफ्ट करने के लिए कितने कर्मचारी लगे थे, लाल बहादुर किस जगह खड़ा था, पैनल उसके ऊपर किस तरह से गिरा। पैनल उठाते वक्त लोहे का पाइप उपयोग किया जा रहा था। बैलेंस बिगड़ जाने से यह हादसा हुआ है क्या। इसे छुपाने की कोशिश तो नहीं की जा रही है।

पेपर चेक करवाने आया था कर्मी

इधर पाल इंजीनियङ्क्षरग के सुजीत पाल ने बताया कि लाल बहादुर एसएमएस 2 का कर्मी था। वह शायद पेपर चेक करवाने के लिए कंपनी के दूसरे साइड में आया था। पैनल के पास वह क्यों गया और किस तरह से उसके जद में आया पता नहीं। ठेका कंपनी के जवाब से साफ है कि कर्मचारी ऑन ड्यूटी था, वह पेपर चेक करवाने के लिए ड्यूटी के दौरान सेक्टर-9 कंपनी के दूसरे साइड में आया था। तब उसके परिवार को वही मुआवजा दिया जाना चाहिए, जो संयंत्र में काम के दौरान हादसे में मौत होने से दिया जाता है।

24 घंटे बाद भी नहीं मिला जवाब

सेक्टर-9 अस्पताल परिसर में पैनल के जद में आने से हादसे में मजदूर की मौत हो गई। प्रथम न्योक्ता भिलाई इस्पात संयंत्र है, इस वजह से जनसंपर्क विभाग से सोमवार की रात में इसको लेकर सवाल पूछा गया। जिसका जवाब मंगलवार रात तक नहीं मिला। यही वजह है कि आशंका जताई जा रही है, पूरे मामले में लीपापोती की तैयारी चल रही है।

हेल्थ एण्ड सेफ्टी को नहीं दी गई सूचना

हादसे में श्रमिक की मौत हो गई, इस संबंध में हेल्थ एण्ड सेफ्टी विभाग को सूचना दिया जाना होता है। डिप्टी डायरेक्टर हेल्थ एण्ड सेफ्टी ने बताया कि घटना के संबंध में अब तक विभाग ने उन्हें सूचना नहीं दिया है।

अब तक नहीं मिली है सूचना

आशुतोष पाण्डेय, डिप्टी डायरेक्टर हेल्थ एण्ड सेफ्टी, छत्तीसगढ़ ने बताया कि सेक्टर-9 परिसर में काम के दौरान मजदूर की पैनल के जद में आने से मौत होने की सूचना विभाग ने अब तक नहीं दिया है। चुनाव ड्यूटी में हूं, मंगलवार को मामले में जांच की जाएगी।

पेपर चेक करवाने दूसरे साइड आया होगा

सुजीत पाल, पाल इंजीनियङ्क्षरग, पेटी ठेकेदार, बीएसपी ने बताया कि लाल बहादुर एसएमएस 2 का कर्मी था। वह शायद पेपर चेक करवाने के लिए कंपनी के दूसरे साइड में आया था। पैनल के पास वह क्यों गया और किस तरह से उसके जद में आया पता नहीं। वह पेपर वर्क का काम करता था।

Manoj Mishra

Editor in Chief

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