छत्तीसगढ़

कृषि विज्ञान केंद्र में निदेशक विस्तार का भ्रमण

कृषि विज्ञान केंद्र में निदेशक विस्तार का भ्रमण

कवर्धा,  सितम्बर 2025। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर के निदेशक विस्तार डॉ. एस. एस. टुटेजा एवं निदेशक प्रक्षेत्र डॉ. राजेंद्र लाकपाले ने कृषि विज्ञान केंद्र, कवर्धा का भ्रमण किया। भ्रमण की शुरुआत कृषि विज्ञान केंद्र में संचालित 7 दिवसीय मधुमक्खी पालन प्रशिक्षण कार्यक्रम से हुई। इस दौरान प्रतिभागियों को मधुमक्खी पालन एवं शहद उत्पादन की उन्नत तकनीकों की विस्तृत जानकारी दी गई। इसके उपरांत निदेशकों ने कृषि विज्ञान केंद्र के प्रक्षेत्र का अवलोकन किया। उन्होंने सबसे पहले सोयाबीन प्रजनक बीज उत्पादन कार्यक्रम के तहत विकसित प्रजातियों आरएससी 10-46 एवं आरएससी 10-71 का निरीक्षण किया। डॉ. टुटेजा ने बीज उत्पादन कार्यक्रम की सराहना की, वहीं डॉ. लाकपाले ने बताया कि आरएससी 10-71 भविष्य में किसानों को बेहतर परिणाम देगी।
भ्रमण के दौरान प्रक्षेत्र में स्थापित 32 प्रजातियों के धान क्रॉप कैफेटेरिया का भी अवलोकन किया गया। इसके अलावा समन्वित कृषि प्रणाली अंतर्गत स्थापित मातृ बगीचा, स्माल नर्सरी, पशुधन उत्पादन इकाई, कुक्कुट पालन इकाई, वर्मी कम्पोस्ट इकाई, बटेर पालन इकाई एवं मछली सह-बत्तख पालन इकाई का निरीक्षण किया गया। निदेशकों ने कृषि विज्ञान केंद्र में स्थापित प्राकृतिक खेती प्रदर्शन इकाई, सोयाबीन प्रसंस्करण इकाई एवं बीज प्रसंस्करण इकाई का भी अवलोकन कर वैज्ञानिकों को आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान किए।
वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख, कृषि विज्ञान केंद्र कवर्धा डॉ. बी. पी. त्रिपाठी ने बताया कि भ्रमण के दौरान निदेशक विस्तार ने केंद्र की विभिन्न प्रमुख गतिविधियों का जायजा लिया, जिनमें समूह अग्रिम पंक्ति प्रदर्शन एवं प्रक्षेत्र प्रदर्शन बीज उत्पादन कार्यक्रम शामिल हैं। कापा ग्राम में सोयाबीन के समूह अग्रिम पंक्ति प्रदर्शन प्रक्षेत्र का भ्रमण कर निदेशकों ने किसानों से चर्चा की। किसानों ने बताया कि पूर्व में वे जेएस 93-05 (लोकल चुरखी) प्रजाति का उपयोग करते थे, जिससे उत्पादन केवल 2-3 क्विंटल प्रति एकड़ प्राप्त होता था, जबकि वर्तमान में कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा प्रदत्त प्रजाति से 6-7 क्विंटल प्रति एकड़ उत्पादन की संभावना है। भ्रमण उपरांत निदेशक विस्तार ने कृषि विज्ञान केंद्र, कवर्धा के वैज्ञानिकों की कार्यप्रणाली एवं किसानों के हित में किए जा रहे प्रयासों की सराहना की और उन्हें प्रोत्साहित किया।

Manoj Mishra

Editor in Chief

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