बालोद। युक्तियुक्तकरण के बाद से जिले में कई शिक्षक इधर से उधर हो गए हैं। जहां अब लोग शिक्षकों को वापिस बुलाने के लिए कलेक्ट्रेट पहुंच रहे हैं, वो भी गाडिय़ां भर भर के। ऐसे ही ग्राम चिरचारी के ग्रामीण शिक्षकों को वापिस बुलाने की मांग लेकर पहुंचे। जहां उन्होंने कहा कि एक प्रधान पाठक रिटायर होने वाले हैं, दो योग्य शिक्षकों को निकाल दिया गया है। ऐसे में हमारे बच्चे विद्यालय में अपना भविष्य कैसे गढ़ेंगे। इससे बेहतर है। बच्चे स्कूल ही ना जाए, शिक्षक वापिस ना मिलने पर आंदोलन की चेतावनी पालकों द्वारा दी जा रही है।
कलेक्टोरेट पहुंचे पालकों ने बताया कि बालोद जिले के अभी जो प्रक्रिया हुई है उससे काफी समस्याएं शिक्षा व्यवस्था पर खड़ी हुई है। पलक महेश साहू ने बताया कि विद्यालय में चार शिक्षक थे। दो योग्य शिक्षकों को हटा दिया गया है। एक अन्य शिक्षक हैं। वह भी ठीक है। लेकिन जो प्रधान पाठक है। उनका तो रिटायरमेंट होने वाला है। ऐसे में अब कुछ दिनों बाद ही हमारा विद्यालय एक शिक्षक के भरोसे हो जाएगा। महत्वपूर्ण विषयों की पढ़ाई आज प्रभावित होने जा रही है। ऐसे में हम अपने बच्चों को किस आधार पर विश्वविद्यालय में भेजेंगे। इसलिए हम मांग करने पहुंचे हैं कि हमारे शिक्षक हमें लौटा दिए जाएं।

पालक टुकेश्वरी ने बताया कि जिस शिक्षक से शिक्षा लेते थे वह बहुत अच्छे थे और उनके मार्गदर्शन में हमारे बच्चों का चयन प्रयास और नवोदय में होता आ रहा है अब आप ही सोचिए हमारे बच्चों का भविष्य कहां जाएगा। बालोद जिले के शासकीय प्राथमिक शाला चिरचारी में युक्तियुक्तकरण के तहत दो शिक्षकों को अन्य स्कूल में पदस्थापना कर दी है, जिससे स्कूली बच्चे व पालक नाराज हो गए हैं और दोनों शिक्षकों को वापस स्कूल में पदस्थ करने की मांग कर रहे हैं। ग्रामीणों ने यह भी कहा कि दोनों शिक्षकों को वापस स्कूल में पदस्थ नहीं किया गया तो आंदोलन भी किया जा सकता है क्योंकि जो दो शिक्षक थे वे महत्वपूर्व विषयों के शिक्षक थे।

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