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Gustakhi Maaf: इतना न गिरें कि उठना मुश्किल हो जाए

-दीपक रंजन दास
पश्चिम बंगाल में भाजपा ने ऑपरेशन सिंदूर चलाने का ऐलान किया है। भाजपा के नेताओं ने कहा है कि पार्टी घर-घर जाकर महिलाओं को सिंदूर भेंट करेगी। देश में ऑपरेशन सिंदूर को लेकर जबरदस्त जोश का माहौल है पर यह नहीं भूलना चाहिए कि सिंदूर की अपनी अहमियत है। सिंदूर किसी के नाम की लगाई जाती है। हिन्दू स्त्रियां अपने पति के नाम का सिंदूर लगाती हैं। पति की मृत्यु के बाद सिंदूर पर उसका अधिकार भी स्वत: समाप्त हो जाता है। सिंदूर का उपयोग देवियों की पूजा में भी किया जाता है। बंगाल में दुर्गा पूजा के अंतिम दिन ‘सिंदूर खेलाÓ की परम्परा है। इसमें सुहागिनें देवी मां को सिंदूर अर्पित करने के बाद एक दूसरे को सिंदूर लगाती हैं। गृहस्थी में भी नव दम्पति के आगमन पर दुल्हन को सुहागिनें अपने सिंधोरा से सिंदूर लगाकर उनके दीर्घ सुहाग की कामना करती हैं। पहलगाम हमले में आतंकियों ने हिन्दुओं को ही निशाना बनाया। पूछ-पूछ कर विवाहिताओं का सिंदूर उजाड़ा गया। इसलिए जब भारत ने जवाबी कार्रवाई का नाम ऑपरेशन सिंदूर रखा तो किसी ने आपत्ति नहीं की। पर अब पश्चिम बंगाल में ऑपरेशन सिंदूर की सफलता को घर-घर पहुंचाने के नाम पर महिलाओं को उपहार के रूप में सिंदूर दिया जाएगा। सिंदूर केवल हिन्दू विवाहित स्त्रियां लगाती हैं। वह किसी और का दिया सिंदूर नहीं लगाती बल्कि यह उसके सुहाग और सतीत्व पर गाली की तरह है। सनातन और हिन्दुत्व की बात करने वाले लोग ही अगर इस तरह से सिंदूर का मजाक बनाएंगे तो बाकी दुनिया को हंसने से कौन रोक सकता है भला? पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसपर कटाक्ष किया है। उन्होंने कहा- ‘सिंदूर का संबंध हर महिला से है। सिंदूर को पवित्र माना जाता है। महिलाएं इसे अपने पति के लिए लगाती हैं। हर महिला का सम्मान होता है। पीएम मोदी ऐसे बात कर रहे हैं, जैसे हर महिला के पति हों। वे अपनी पत्नी को सिंदूर क्यों नहीं देते?Ó दरअसल, गुरुवार को राज्य के अलिपुरद्वार में 32 मिनट का संबोधन दिया। इसमें उन्होंने ममता सरकार के भ्रष्टाचार और केंद्र की नीतियों का जिक्र करने के साथ ही ऑपरेशन सिंदूर और पाकिस्तान पर भी अपनी बात रखी। इसके बाद भाजपा की राज्य इकाई ने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता को घर-घर पहुंचाने की घोषणा की। इसके तहत महिलाओं को उपहार में सिंदूर दिया जाएगा। साथ ही, ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के पर्चे भी बांटे जाएंगे। 9 जून से इसकी शुरुआत होगी। इसी दिन नरेंद्र मोदी ने तीसरी बार पीएम पद की शपथ ली थी। ऑपरेशन सिंदूर एक सैन्य अभियान था जिसमें देश के साथ ही दुनिया ने भारत का शौर्य देखा। भारत को अपनी क्षमता के प्रदर्शन का अवसर भी मिला। अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत ने खुद को मजबूती के साथ पेश भी किया। पर सिंदूर से जुड़ी भावुकता को राजनीति के दंगल में खींच लाने का कोई मतलब नहीं है।

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Manoj Mishra

Editor in Chief

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