छत्तीसगढ़ में भारतमाला परियोजना के तहत विकसित किए जा रहे 92 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट से जुड़ी है, जो राज्य के सड़क तंत्र को मजबूत करने और ग्रामीण व औद्योगिक क्षेत्रों को बेहतर आवागमन कनेक्टिविटी देने की दिशा में एक बहुत बड़ा कदम है। दुर्ग रायपुर आरंग एक्सप्रेसवे दुर्ग से शुरू होकर अंजोरा, पटोरा, सुपकोना, अभनपुर और नया रायपुर तक जाएगा। भारत सरकार की महत्वाकांक्षी भारतमाला परियोजना, दुर्ग रायपुर आरंग एक्सप्रेसवे, छत्तीसगढ़ में तेजी से बन रहा है। यह परियोजना स्थानीय विकास, निवेश और व्यापार के नए अवसर पैदा करेगी और क्षेत्रीय संपर्क को बढ़ा देगी।
जमीन अधिग्रहित
यह राजमार्ग 92 किलोमीटर लंबा होगा और दुर्ग से शुरू होकर अंजोरा, पटोरा, सुपकोना, अभनपुर तथा नया रायपुर होते हुए आरंग तक चला जाएगा। मार्ग इन जिलों से गुजरेगा: दुर्ग-रायपुर आरंग एक्सप्रेसवे का निर्माण दुर्ग, रायपुर और बलौदाबाजार जिलों से होगा। 2,330 किसानों ने परियोजना के लिए जमीन अधिग्रहित की गई हैं। जिला प्रशासन का दावा है कि प्रभावित किसानों को उचित और समय पर मुआवजा दिया गया है। ताकि किसानों को कोई परेशानी न हो, इस प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखने का प्रयास किया गया।
दुर्ग के कुछ गांवों में जमीन खरीदना शुरू हो गया है
दुर्ग जिले के कलेक्टर अभिजीत सिंह ने कहा कि भारतमाला परियोजना निरंतर चल रही है। उन्हें बताया गया कि किसानों को उनकी जमीन का मुआवजा दिया गया है। साथ ही, जमीन के दस्तावेजों को पूरी तरह से वैध और सुरक्षित बनाने के लिए जमीन की रजिस्ट्री की प्रक्रिया भी दोबारा शुरू की गई है। NHI परियोजना निदेशक ने बताया कि कुछ गांवों में जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। पजेशन लिया गया है, लेकिन निर्माण जारी है। केंद्रीय लाइन से 100 मीटर की दूरी पर उन गांवों में खरीदी बिक्री पर लगी रोक हटा दी गई है। शेष गांवों में जहां जमीन अधिग्रहण नहीं हुआ है, वहां रोक लगा दी गई है।यह राजमार्ग रायपुर, छत्तीसगढ़ की राजधानी, और दुर्ग, एक औद्योगिक नगरी को जोड़ेगा। इसके बनने से ट्रैफिक बोझ कम होगा, ईंधन बचेगा और यात्रा का समय कम होगा। साथ ही, आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों को बेहतर सड़क नेटवर्क मिलेगा। जिससे कृषि उत्पादों की आसान ढुलाई होगी और स्थानीय विकास होगा।