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घर के पास लगाया यह पेड़ तो हो सकते हैं आप बीमार, 4 राज्य लगा चुके हैं रोक – CONOCARPUS PLANT SPREADING DISEASES

भोपाल: यदि आप अपने घर या कॉलोनी में सुंदरता के लिए विदेशी प्रजाति के पौधे लगा रहे हैं तो सतर्क हो जाएं. यह पौधे आपको आने वाले समय में बीमार भी कर सकते हैं. प्रदेश की कॉलोनियों और घर के आसपास विदेशी प्रजाति के कोनोकार्पस पौधे लगाए जाने का चलन बढ़ा है. इन पेड़ों के जरिए ग्रीन वॉल तैयार हो जाती है लेकिन विशेषज्ञों की मानें तो इससे अस्थमा, एलर्जी जैसी समस्याएं पैदा हो सकती हैं. यही वजह है कि देश के कई राज्य इस पेड़ पर प्रतिबंध लगा चुके हैं.

अफ्रीकी मूल का पौधा है कोनोकार्पस

रिटायर्ड आईएफएस अधिकारी एके खरेबताते हैं कि “कोनोकार्पस एक तरह का ऐसा प्लांट है जो नदियों और समुद्र के किनारे बेहद जल्द पैदा होता है. वैसे यह अफ्रीकी मूल का पौधा कहा जाता है. यह दूसरे पौधों के मुकाबले तेजी से बढ़ता है और नीचे से ऊपर तक यह पत्तियों से ढका रहता है. एक लाइन में पौधा लगाने से कुछ ही समय में यह एक ग्रीन वॉल बना लेता है. यही वजह है कि कॉलोनियों और घर के बाहर लोग इसे लगा रहे हैं. बड़ी कॉलोनियों के अलावा इन पौधों को कई स्थानों पर खुले इलाकों में भी लगाया जा रहा है.”वन विभाग के रिटायर्ड अधिकारियों के मुताबिक इस पेड़ के कई नुकसान भी हैं. यह लोगों के स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक है. साथ ही देश की प्रकृति के अनुकूल भी इसे नहीं माना जाता. दरअसल बड़े होने पर इस पेड़ में लगने वाले फूलों से जब पराग निकलता है तो इसके आसपास रहने वाले लोगों के लिए यह सर्दी, खांसी, अस्थमा और एलर्जी जैसी समस्याएं पैदा कर सकते हैं. इसके अलावा इसकी जड़ें गहरी जाती हैं और मीठे पानी को बहुत ज्यादा सोखती हैं. यही वजह है कि कई राज्यों ने इस पेड़ को लगाने पर प्रतिबंध भी लगा दिया है

चुका प्रतिबंध

गुजरात में पहले इस पेड़ को बड़ी संख्या में लगाया गया. अहमदाबाद के साबरमती रिवरफ्रंट और राजकोट के रामवन में कोनोकार्पस के पेड़ों को लगाया गया था लेकिन गुजरात सरकार ने सितंबर 2023 में इस पेड़ की पौध तैयार करने और इसे लगाने पर प्रतिबंध लगा दिया. राज्य सरकार ने यह फैसला इस पेड़ से स्वास्थ्य पर होने वाले नुकसान सहित दूसरे दुष्परिणाम को देखते हुए लिया था. गुजरात के अलावा तेलंगाना सरकार भी इस पेड़ को लगाने पर रोक लगा चुकी है. इसके अलावा आंध्र प्रदेश और गोवा में भी इस पेड़ पर प्रतिबंध लगाया जा चुका है.

Manoj Mishra

Editor in Chief

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