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लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी वक्फ बिल पास, 13 घंटे चली बहस… पक्ष में 128 और विपक्ष में पड़े 95 वोट

अब विधेयक राष्ट्रपति के पास जाएगा और अधिसूचना के बाद कानून का रूप लेगा

नई दिल्ली। लोकसभा के बाद राज्यसभा में वक्फ संसोधन विधेयक पास हो गया है। गुरुवार को वक्फ संशोधन विधेयक-यूनिफाइड पर 13 घंटे  की लंबी चर्चा हुई और आधी रात के बाद लगभग 2:30 बजे राज्यसभा ने भी अपनी मुहर लगा दी। लोकसभा की तरह उच्च सदन ने भी विपक्ष के सभी संशोधन प्रस्ताव ध्वनिमत से खारिज कर दिए। राज्यसभा में वक्फ बिल के पक्ष में 128 और विरोध में 95 मत मड़े। इसके साथ ही बिल पास कर दिया गया। इससे पहले बुधवार को लोकसभा में  विधेयक के पक्ष में 288, जबकि विरोध में 232 मत पड़े। विधेयक पर लोकसभा में 12 घंटे से अधिक समय तक चर्चा हुई। अब विधेयक हस्ताक्षर के लिए राष्ट्रपति के पास जाएगा और सरकार की ओर से अधिसूचित होते ही कानून का रूप ले लेगा।

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संसद के दोनों सदनों में वक्फ संशोधन विधेयक पारित होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पर अपनी पहली प्रतिक्रिया दी है। पीएम मोदी ने कहा कि वक्फ (संशोधन) विधेयक और मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक का संसद के दोनों सदनों से पारित होना सामाजिक-आर्थिक न्याय, पारदर्शिता और समावेशी विकास के लिए हमारे सामूहिक प्रयासों में एक महत्वपूर्ण क्षण है। इससे खास तौर पर उन लोगों को मदद मिलेगी, जो लंबे समय से हाशिये पर रहे हैं और उन्हें आवाज और अवसर दोनों से वंचित रखा गया है। पीएम मोदी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट की शृंखला में लिखा, ‘दशकों से वक्फ व्यवस्था पारदर्शिता और जवाबदेही की कमी का पर्याय रही है। इससे खास तौर पर मुस्लिम महिलाओं, गरीब मुसलमानों, पसमांदा मुसलमानों को नुकसान पहुंचा। संसद की ओर से पारित कानून पारदर्शिता को बढ़ावा देंगे और लोगों के अधिकारों की रक्षा भी करेंगे।’

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बहस में इन नेताओं ने संभाला मोर्चा
इससे पहले सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्यों में विधेयक पर जमकर बहस हुई। विपक्ष की ओर से मल्लिकार्जुन खरगे, रामगोपाल यादव, कपिल सिब्बल समेत दिग्गज नेताओं ने विधेयक का विरोध किया जबकि सत्ता पक्ष की ओर से किरेन रिजिजू के अलावा जेपी नड्डा, राधामोहन अग्रवाल, उपेंद्र कुशवाहा आदि ने मोर्चा संभाला। चर्चा का जवाब देते हुए किरेन रिजिजू ने विपक्ष के उठाए मुद्दों का सिलसिलेवार जवाब दिया। उन्होंने विपक्ष के इस दावे को गलत बताया कि राष्ट्रीय वक्फ काउंसिल में गैर मुस्लिमों का बहुमत होगा। रिजिजू ने कहा, 20 सदस्यीय बॉडी में पदेन अध्यक्ष समेत चार से अधिक गैर मुस्लिम सदस्य हो ही नहीं सकते। इसी प्रकार 11 सदस्यीय राज्य बॉडी में 3 से अधिक गैर मुस्लिम नहीं होंगे।

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वक्फ संपत्तियों में सरकार दखल नहीं दे रही- किरेन रिजिजू
वक्फ बोर्डों में गैर मुस्लिमों को शामिल करने पर रिजिजू ने कहा, सबसे पहले तो लोगों को यह समझ लेना चाहिए कि सरकार वक्फ संपत्तियों में दखल नहीं दे रही। धार्मिक संस्थाओं में सरकार को कोई दखल नहीं होगा लेकिन वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन प्रशासनिक मामला है और वक्फ संपत्तियों का विवाद सिर्फ मुसलमान का मुसलमान से नहीं है। कई जगह ये विवाद दूसरे धर्म के लोगों से भी होता है। ऐसे में फैसला करने वाली संस्थाओं में सिर्फ मुसलमान कैसे हो सकते हैं। रिजिजू ने कहा, पहले से पंजीकृत संपत्तियों से छेड़छाड़ नहीं हो सकती, यह बदलाव विपक्ष के सुझाव पर ही किया गया। इसी तरह, गैर रजिस्टर्ड वक्फ ट्रस्टों के लिए छह महीने की सीमा भी विपक्ष के सुझाव पर बढ़ाई गई। 

विधेयक का मकसद वक्फ संपत्ति की सुरक्षा : नड्डा
वहीं, केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने कहा, हमारा प्रयास है कि वक्फ के काम में पारदर्शिता आए। इसका मूल मकसद वक्फ संपत्ति का रखरखाव करना है। विधेयक के खिलाफ जो भ्रम फैलाया जा रहा है, उसका विरोध करता हूं। बिल को लेकर 2013 में बनी जेपीसी में सिर्फ 13 सदस्य थे, अब इस बिल को लेकर बने जेपीसी में 31 सदस्य थे। भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, कभी देश में भूदान आंदोलन होता था, आज गांधियों के नेतृत्व में भू-हड़प का सिलसिला चल पड़ा है। जो लोग कह रहे हैं कि कानून व अदालत के आदेश नहीं मानेंगे, तो इसके मायने है कि वे अपनी खुदाई में जी रहे हैं।

विधेयक मुस्लिम समुदाय के खिलाफ : सैयद नसीर हुसैन
विधेयक पर कांग्रेस की ओर से चर्चा शुरू करते हुए सैयद नसीर हुसैन ने कहा, विधेयक मुस्लिम समुदाय के खिलाफ है। सरकार सांप्रदायिक तनाव भड़काना चाहती है। हुसैन ने कहा, जेपीसी में विपक्ष किसी भी संशोधन को इसमें जगह नहीं दी गई। विधेयक पारित होने से मुस्लिम देश में दूसरे दर्जे के नागरिक बन जाएंगे। सपा सांसद रामगोपाल यादव ने कहा, सरकार को दस साल तक याद नहीं रहा कि वक्फ के पास कितनी संपत्ति और कितना पैसा है। जब उन्होंने सारी संपत्ति बेच ली, तब याद आई। सभी धर्मों के साथ समान व्यवहार होना चाहिए। मुसलमानों को यह नहीं लगना चाहिए कि उनसे अन्याय हो रहा है।

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Manoj Mishra

Editor in Chief

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