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रक्तदान कर बीएसएफ के जवानों ने बचाई आदिवासी महिला की जान, परिजनों ने जताया आभार

भिलाई। सीमा सुरक्षा बल की 133वीं वाहिनी के जवानों ने रक्तदान कर कांकेर की आदिवासी महिला की जान बचाई। महिला का इलाज दुर्ग के जिला अस्पताल में चल रहा था। ऑपरेशन के दौरान उसे खून की जरूरत पड़ी तो भिलाई हेडक्वार्टर से 133वीं वाहिनी सीमा सुरक्षा बल के जवानों ने रक्तदान कर महिला की जान बचाई।

मिली जानकारी के अनुसार ग्राम बैहासाल्हेभाट पोस्ट-कोलार, जिला-कांकेर की एक आदिवासी महिला गीतिला का इलाज दुर्ग के सरकारी हॉस्पिटल मे चल रहा है। उसके पैर में घाव होने के कारण डॉक्टरों ने ऑपरेशन कर पैर काट दिया। ऑपरेशन के बाद महिला को (ओ-पॉजिटिव) रक्त की आवश्यकता थी जिसके लिए परिजनो ने सीमांत मुख्यालय, सीमा सुरक्षा बल, भिलाई से सम्पर्क किया। इस मुख्यालय के अन्तर्गत 133 वीं वाहिनी सीमा सुरक्षा बल के जवानों ने तत्काल रक्तदान करके आदिवासी महिला की जान बचाई। सीमा सुरक्षा बल के इस सराहनीय कार्य के लिए महिला मरीज के परिजनो ने बल का धन्यवाद किया।

सीमा सुरक्षा बल के जवान अपनी जान की बाजी लगाकर देश को नक्सल मुक्त बनाने में लगे है वही दूसरी ओर जरूरत पड़ने पर समाज कल्याण की हर जिम्मेदारी को दृढ संकल्प के साथ निभाते हुए हर कदम पर अपनी वीरता का परिचय दिया है। सीमा सुरक्षा बल सामरिक मुख्यालय (विशेष संक्रिया) छत्तीसगढ़ के महानिरीक्षक आनंद प्रताप सिंह, भापुसे ने कमांडेंट 133 वी वाहिनी, वीरेन्द्र कुमार गिरी और जवानों के इस नेक कार्य की सराहना की और संदेश दिया कि जनता की सुरक्षा और सेवा सीमा सुरक्षा बल के लिए सर्वोपरि है और भविष्य में भी हम ऐसा कार्य करते रहेंगें।

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