गेल के साथ इस खास करार से सालाना 47,292 टीसीओ2ई कम कार्बन उत्सर्जन होगा और वेदांता एल्यूमिनियम के झारसुगुड़ा स्मेल्टर से बिलेट और अन्य मूल्यवर्धित एल्यूमिनियम उत्पादों का उत्पादन बढ़ेगा
रायपुर/भारत के सबसे बड़े एल्यूमिनियम उत्पादक, वेदांता एल्यूमिनियम ने औद्योगिक उत्पादन को अधिक सस्टेनेबल बनाने का बड़ा कदम रखते हुए गेल (इंडिया) लिमिटेड की सब्सिडियरी गेल गैस लिमिटेड से गैस बिक्री करार (जीएसए) किया है। करार के अनुसार वेदांता के झारसुगड़ा स्मेल्टर – दुनिया के सबसे बड़े एल्यूमिनियम प्लांट को प्राकृतिक गैस की आपूर्ति की जाएगी। प्राकृतिक गैस अपनाए जाने का काम 2025 के अंत तक पूरा होने की उम्मीद है। इससे कार्बन फुटप्रिंट काफी कम होगा, जिससे सालाना 47,292 टन सीओ2 समतुल्य (टीसीओ2ई) उत्सर्जन कम होने का अनुमान है। वेदांता 2050 तक नेट जीरो उत्सर्जन का लक्ष्य पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है और इसके लिए कम्पनी नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग बढ़ाने और व्यापक वृक्षारोपण कर कार्बन सिंक बनाने की दोहरी रणनीति पर काम कर रही है।
इस करार से 430 किलो टन प्रति वर्ष (केटीपीए) क्षमता वाले वेदांता के अगले कास्ट हाउस को भी मदद मिलेगी, जहां पिघली हुई धातु से एल्यूमिनियम उत्पाद बनेंगे। नया कास्ट हाउस 250 केटीपीए बिलेट्स और 180 केटीपीए अन्य मूल्यवर्धित उत्पाद बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। गेल गैस लिमिटेड खास इसके लिए 7.5 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन बिछाएगी, जिससे प्रतिदिन लगभग 32,000 स्टैंडर्ड क्यूबिक मीटर (एससीएम) प्राकृतिक गैस की आपूर्ति होगी। पाइपलाइन चालू होने पर यह करार पांच साल के लिए लागू होगा। स्वच्छ ऊर्जा का यह विकल्प मिलने से वेदांता एल्यूमिनियम के सभी परिचालन कार्यों में स्वच्छ ऊर्जा उपयोग करने की प्रतिबद्धता पूरी होगी।
वेदांता की गैर-कार्यकारी निदेशिक और हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड की अध्यक्ष प्रिया अग्रवाल हेब्बार ने कहा, ‘‘सस्टेनेबिलिटी का वेदांता के सभी काम-काज में बुनियादी महत्व रहा है। गेल गैस लिमिटेड से यह करार इसका प्रमाण है कि हम कार्बन उत्सर्जन कम करने और स्वच्छ ऊर्जा अपनाने को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। हमारे झारसुगुड़ा प्लांट – दुनिया के सबसे बड़े एल्यूमिनियम प्लांट – में प्राकृतिक गैस अपना कर हम ने स्वच्छ ऊर्जा के प्रति भारत का विजन और हमारे ईसीजी लक्ष्यों को पूरा करने की दिशा में एक निर्णायक कदम उठाया है। यह करार जिम्मेदारी के साथ तरक्की करने और भावी पीढ़ियों को स्वच्छ भविष्य देने के हमारे सफर में एक अहम कदम है।“
वेदांता एल्यूमिनियम के मुख्य परिचालन अधिकारी सुनील गुप्ता ने इस करार पर कम्पनी की ओर से हस्ताक्षर करते हुए कहा, ‘‘वेदांता एल्यूमिनियम का गेल से यह करार इसका प्रमाण है कि हम पर्यावरण का नुकसान कम करने में हमेशा से एल्यूमिनियम उद्योग में सबसे आगे रहना चाहते हैं। यह करार कार्बन उत्सर्जन कम करने और उत्पादन क्षमता बढ़ाने के हमारे प्रयासों के अनुसार महत्वपूर्ण है। इससे क्रिटिकल सेक्टरों में भारतीय एल्यूमिनियम की बढ़ती मांग पूरी होगी। हम स्वच्छ ऊर्जा अपना कर एल्यूमिनियम उद्योग और हमारे समुदायों के लिए अधिक सस्टेनेबल भविष्य निर्माण कर पाएंगे।“
नए कास्ट हाउस के परिचालन में बतौर प्राथमिक ईंधन प्राकृतिक गैस उपयोग किया जाएगा, जिसके परिणामस्वरूप कार्बन उत्सर्जन में प्रति माह 62 प्रतिशत कमी का अनुमान है। यह सालाना लगभग 3,941 टीसीओ2ई और 47,292 टीसीओ2ई के समतुल्य है और इससे वेदांता एल्यूमिनियम के सस्टेनेबल होने, उत्पादन में उत्सर्जन कम होने के लक्ष्य पूरे होंगे।
वेदांता एल्यूमिनियम के ऐसे प्रयासों के परिणामस्वरूप कम्पनी के उत्पाद एनवायरनमेंट प्रोडक्ट डिक्लरेशन (ईपीडी) इंटरनेशनल के उच्च स्तरीय सस्टेनेबिलिटी मानकों पर खरा उतरने के लिए सत्यापित हैं। ये प्रोडक्ट हैं – बिलेट्स, प्राइमरी फाउंड्री एलॉय (पीएफए), वायर रॉड और सभी कैटेगरियों की सिल्लियां। इन सभी उत्पादों को संपूर्ण लाइफ साइकिल एसेसमेंट (एलसीए) से गुजरना पड़ता है। इसलिए ये ऊर्जा खपत, ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन, पानी की खपत और कचरा बनने जैसे सभी मानकों पर अच्छा प्रदर्शन करते हैं। कम्पनी की यह उपलब्धि इसका प्रमाण है कि इसकी उत्पादन प्रक्रियाएं अत्याधुनिक हैं और यह पर्यावरण की सुरक्षा के लिए अभिनव प्रयास करती रही है। इससे आपूर्तिकर्ताओं से लेकर ग्राहकों तक एल्यूमिनियम के पूरे वैल्यू चेन में सस्टेनेबिलिटी सुनिश्चित है। इसके अतिरिक्त, एल्यूमिनियम स्टीवर्डशिप इनिशिएटिव (एएसआई) ने ओडिशा के झारसुगुड़ा स्थित कम्पनी के प्लांट को भी सस्टेनेबिलिटी में उच्च स्तरीय होने की मान्यता दी है जो पूरी दुनिया में सस्टेनेबिलिटी का विश्वस्त सूचक है। कम्पनी के पास भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) की कई अन्य मान्यताएं भी हैं, जो उच्च गुणवत्ता मानकों को लेकर कम्पनी की प्रतिबद्धता दिखाती है।
वेदांता लिमिटेड का एक प्रमुख व्यवसाय वेदांता एल्यूमिनियम भारत का सबसे बड़ा एल्यूमिनियम उत्पादक है, जिसने वित्त वर्ष ’24 में भारत के आधे से अधिक यानी 2.37 मिलियन टन एल्यूमिनियम का उत्पादन किया। वेदांता मूल्यवर्धित एल्यूमिनियम उत्पादों में अग्रणी नाम है। इन उत्पादों का कोर इंडस्ट्री में महत्वपूर्ण उपयोग है। एल्यूमिनियम उद्योग के लिए एसएंडपी ग्लोबल कॉरपोरेट सस्टेनेबिलिटी असेसमेंट 2023 वर्ल्ड रैंकिंग में वेदांता एल्यूमिनियम पहले स्थान पर है। यह सस्टेनेबल कार्य प्रक्रियाएं लागू करने में वेदांता के अव्वल रहने का प्रमाण है। वेदांता के भारत में विश्वस्तरीय एल्यूमिनियम स्मेल्टर, एल्युमीना रिफाइनरी और विद्युत संयंत्र हैं। कम्पनी का मिशन स्वच्छ भविष्य निर्माण के लक्ष्य से ‘भविष्य की धातु’ के रूप में एल्यूमिनियम के उपयोगों को बढ़ावा देना है।
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