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दुर्ग-भिलाई का चौथा एनकाउंटर… मुठभेड़ में मारा गया हिस्ट्रीशीटर अमित जोश… जानें जिले में कब-कब हुए एनकाउंटर

चार माह पहले हुए गोलीकांड में पुलिस को थी हिस्ट्रीशीटर अमित जोश की तलाश, चार माह बाद पहुंचा था भिलाई

भिलाई। छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में पुलिस ने कुख्यात बदमाश अमित जोश को मुठभेड़ में मार गिराया है। पुलिस कंट्रोल रूम से कुछ दूरी पर ग्लोब के पास तीन लोगों को गोली मारकर अमित जोश पिछले चार माह से ज्यादा समय से फरारी काट रहा था। इस घटना के बाद पुलिस ने अमित जोश के करीबियों पर कार्रवाई की। निगरानी बदमाश की मां, बहन व जीजा को भी गिरफ्तार किया गया। हाल ही में अमित जोश का जीजी जेल से छूटा था जिससे मिलने वह भिलाई पहुंचा और शुक्रवार शाम को पुलिस के घेरे में आ गया। इसके बाद उसने पुलिस से बचने के लिए फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस की जवाबी फायरिंग में अमित जोश ढेर हो गया है। अमित जोश को मिलाकर दुर्ग पुलिस ने अब तक चार बार एनकाउंटर किया है।

अब आपको बताते हैं कि चार माह पहले क्या हुआ था। दरअसल विश्रामपुर निवासी रमनदीप सिंह अपने दोस्त सुनील यादव और आदित्य सिंह से मिलने भिलाई आया था। सुनील यादव टेलीकॉम कंपनी का कर्मचारी है। आदित्य सिंह उड़ान अकादमी में पीएससी की तैयारी कर रहा है। रमनदीप के आने की खुशी में तीनों ने पार्टी की। 25 व 26 जून की दरमियानी रात सभी बाइक से घूमने निकले थे। इसी दिन हिस्ट्रीशीटर अमित जोश का एनवर्सरी थी। देर रात 1-2 बजे के बीच पार्टी करने के बाद जोश और उसका एक साथी बाइक से घूमने निकले थे, जैसे ही ग्लोब चौक के आगे पहुंचे उन्हें रमनदीप सिंह, सुनील यादव और आदित्य सिंह दिखे। सभी नशे में थे और गाली-गलौज करने को लेकर विवाद हो गया। विवाद इतना बढ़ा कि, अमित जोश ने तीनों लड़कों पर तीन राउंड फायरिंग कर दी। इस हमले में सुनील यादव और आदित्य सिंह गंभीर रूप से घायल हो गए। इस घटना के बाद से पुलिस विभाग को काफी फजीहत झेलनी पड़ी थी। इसके बाद ताबड़तोड़ कारवाई कर अमित जोश के करीबियों के साथ उसकी मां, जीजा लक्की जॉर्ज व बहन को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। यही नहीं अमित जोश के कब्जे वाले बीएसपी आवासों को खाली कराया गया। इसके बाद अमित जोश पुलिस की गिरफ्त से बाहर था।

अमित जोश की फाइल फोटो

35 से ज्यादा अपराध दर्ज थे अमित जोश पर
अमित जोश के खिलाफ जिले में 35 से अधिक अपराध दर्ज थे। अमित जोश 14 साल की उम्र से ही अपराध की दुनिया में आ गया था। अमित जोश पर मारपीट, गुंडागर्दी, हत्या, पिस्टल से फायर जैसे गंभीर मामले दर्ज है। गोली कांड के बाद से फरार अमित जोश पर पुलिस ने 35 हजार इनाम की घोषणा भी की थी। इस दौरान पुलिस को सूचना मिली की युवकों पर फायर करने वाला फरार आरोपी अमित जोश भिलाई पहुंचा हुआ है। जिसके बाद क्राइम ब्रांच की टीम उसका पीछा करते हुए जयंती स्टेडियम के पीछे पहुंची। इस दौरान अमित जोश अपने एक साथी के साथ बाइक से जा रहा था पुलिस ने पकड़ने की कोशिश की लेकिन अपने पास रखे पिस्टल से पुलिस पर फायर किया। जिसके बाद पुलिस ने भी जवाबी फायर किया। पुलिस ने पहले अमित जोश के पैर पर गोली मारी। इसके बाद भी उसने फायरिंग नहीं बंद की तो पुलिस ने उसे ढेर कर दिया। अमित जोश की गोली पुलिस की गाड़ियों पर लगी वहीं चालक बाल बाल बचा।

घटना स्थल पर मौजूद पुलिस

एसपी जितेन्द्र शुक्ला ने कहा- एनकाउंटर का नहीं था प्लान
दुर्ग एसपी जितेन्द्र शुक्ला ने बताया कि गोलीकांड के बाद अमित जोश की लगातार पतासाजी की जा रही थी। पुलिस को सूचना मिली कि अमित जोश भिलाई में है। इसके बाद होटलों की सर्चिंग शुरू की गई। शुक्रवार को पता चला कि अमित जोश जयंती स्टेडियम के पास देखा गया। इसके बाद हमारी एसीसीयू की टीम मौके पर पहुंची तो अमित जोश ने फायरिंग शुरू कर दी। एसपी शुक्ला ने बताया कि पुलिस अमित जोश को जिंदा पकड़ना चाहती थी इसलिए  हमारी टीम ने उसे चेतावनी दी इसके बाद भी वह नहीं माना। इसके बाद पुलिस ने एनकाउंटर में अमित जोश को ढेर कर दिया।

इससे पहले दुर्ग पुलिस ने किए थे तीन एनकाउंटर

केस -1 : दुर्ग पुलिस ने सबसे पहले वर्ष 2001 में दुर्ग के अंजोरा क्षेत्र में कुख्यात आरोपी सुखविंदर सिंह उर्फ सोक को पुलिस टीम पकड़ने गई थी। इस दौरान जहां आरोपी और पुलिस में मुठभेड़ में मारा गया। कुख्यात आरोपी सुखविंदर सिंह और उसके गुर्गे ने एक कारोबारी का अपहरण किया था। जिसके बाद से पुलिस को सुखविंदर की तलाश थी। दुर्ग जिले का यह पहला एनकाउंटर था।

केस -2 : दूसरा एनकाउंटर वर्ष 2005 में भिलाई में हुआ था। बहुचर्चित महादेव महार हत्याकांड में हिस्ट्रशीटर गोविंद विश्वकर्मा भी शामिल था। पुलिस को सूचना मिली कि आरोपी गोविंद विश्वकर्मा तलपुरी के आसपास है। जिससे घेराबंदी कर पकड़ने की कोशिश की गई, लेकिन गोविंद ने पुलिस पर फायरिंग कर दी। जिसके बाद पुलिस की जवाबी फायरिंग में गोविंद गोली के शिकार हो गया था।

केस -3 : तीसरा एनकाउंटर वर्ष 2010 में जामुल में हुआ था। जहां नार्थ बस्तर माड़ ज्वाइंट डिविजनल कमेटी के सदस्य नागेश और उसकी पत्नी रावघाट एरिया कमेटी के सदस्य ताराबाई कारतूस खरीदने के लिए भिलाई पहुंचे है। इसकी सूचना मिलने पर पुलिस ने दोनो की तलाश शुरू की। तलाशी के दौरान पुलिस को सूचना मिली कि दोनों जामुल क्षेत्र में हैं। इसके बाद पुलिस उसे पकड़ने जा रही थी, तभी नागेश ने पुलिस पर फायर कर दिया। जिसके बाद पुलिस की जवाबी फायरिंग में नागेश और उसकी पत्नी ताराबाई को गोली लगी, जिससे उसकी मौत हो गई।

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