होली पर महाकाल मंदिर के गर्भगृह में हुए अग्निकांड की मजिस्ट्रियल जांच शुरू हो गई। तीन सदस्यीय टीम ने सीसीटीवी फुटेज खंगाले और कुछ लोगों के बयान भी लिए। प्रशासन ने रंगपंचमी पर मंदिर में बाहर से रंग-गुलाल लाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। प्राथमिक तौर पर हादसे के पीछे लापरवाही सामने आई है।
गौरतलब है कि देश में कोई भी त्योहार है वो सबसे पहले महाकाल के गर्भगृह में मनाने की परंपरा चली आ रही है। हर साल होली और रंगपंचमी पर महाकाल के गर्भगृह में रंग-गुलाल खेला जाता है, लेकिन होली पर हुए हादसे के बाद अब रंगपंचमी पर गर्भगृह के भीतर रंग-गुलाल ले जाने पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया है।
उज्जैन के कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने बताया कि होली के साथ ही रंगपंचमी पर महाकालेश्वर मंदिर में रंगों का त्योहार भी मनाया जाता है, हमने इस बार निर्णय लिया है कि श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंधन समिति रंगपंचमी पर पलाश के फूल (टेसू) के फूलों से बने हर्बल रंगों की व्यवस्था करेगी।
जिला प्रशासन के मुताबिक रंगपंचमी के दिन 30 मार्च को महाकाल के गर्भगृह में दर्शन किए जा सकेंगे, सांकेतिक हर्बल रंग लगा सकते हैं, लेकिन भक्तों को बाहर से लाए गए रंग-गुलाल लाने की अनुमति नहीं होगी। कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने बताया कि भीड़ को नियंत्रित करने के लिए भी व्यवस्था की जाएगी। किसी को भी रंग लाने की अनुमति नहीं होगी।
प्रारंभिक जांच में पता चला कि गर्भगृह में पुजारी और परिजनों में ही किसी ने गुलाल फेंका। इसके कर्पूर आरती के संपर्क में आने से आग भड़की। हालांकि अधिकारिक तौर पर कारण का खुलासा नहीं किया गया है। भस्मारती में लोगों की संख्या भी सवालों के घेरे में है। तय संख्या से ज्यादा 25 लोग गर्भगृह में थे। निरीक्षक कमल जोशी व कर्मी मंगल बिजवा भी गर्भगृह में थे। सवाल है उन्हें प्रवेश कैसे मिला। सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के बाद भी क्विंटलों से रंग-गुलाल कैसे गर्भगृह में पहुंची।
ये है मामलाः महाकाल मंदिर में होली पर सोमवार सुबह भस्म आरती के दौरान गर्भगृह में आग लग गई थी। गर्भगृह में करीब ढाई क्विंटल से ज्यादा गुलाल उड़ाया गया। इससे मंदिर परिसर में कुछ नहीं दिख रहा था। हादसे में 4 पुजारी समेत 14 लोग झुलस गए थे। 13 को इंदौर रेफर किया गया है। सीएम डॉ. मोहन यादव इंदौर और उज्जैन में घायलों से मिले। उन्होंने 1-1 लाख रुपए की आर्थिक मदद की घोषणा की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृहमंत्री अमित शाह ने भी मुख्यमंत्री से हादसे की जानकारी ली।
मुंबई-नागपुर के विशेषज्ञ पता करेंगे
प्रशासन ने मुंबई-नागपुर के फॉरेंसिक फायर विशेषज्ञ नीलेश उकुंडे को बुलाया है। कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने उन्हें हादसे के तकनीकी कारणों का पता लगाने व बेहतर सुरक्षा कार्ययोजना बनाने कहा है। कलेक्टर-एसपी ने सोमवार शाम मंदिर का निरीक्षण किया। कलेक्टर ने साफ कर दिया है कि रंगपंचमी पर गाइडलाइन के अनुसार पूजा हो। परंपरा के लिए सांकेतिक रंग चढ़ाएं। बाहर से रंग-गुलाल लाने पर प्रतिबंध लगा दिया है।
- गर्भगृह में ज्यादा लोग: भस्मारती में गर्भगृह में एक पुजारी व 7-8 सहायक पुजारी होते हैं, लेकिन 25 से ज्यादा लोग थे। अफसरों ने आपत्ति नहीं ली।
- क्विंटलों से गुलाल पहुंचाया: गृर्भगृह में मशीन से गुलाल उड़ाने की बात आई है। गर्भगृह तक क्विंटलों से गुलाल आया। अनुमति किसने दी।
- फ्लैक्स-पॉलीथिन क्यों बांधे: गर्भगृह में यंत्रों को बचाने के लिए ज्वलनशील फ्लैक्स और पॉलीथिन बांधी गई। इसी से आग फैली। फ्लैक्स-पॉलीथिन बांधने की अनुमति किसने दी।
सात बिंदुओं पर हो रही जांच
मजिस्ट्रियल जांच टीम में शामिल जिला पंचायत सीईओ मृणाल मीना, एडीएम अनुकूल जैन, एएसपी जयंत राठौर 7 बिंदुओं पर जांच कर रहे हैं। वे आग का कारण, जिम्मेदार, सुरक्षा इंतजाम आदि बिंदुओं पर जांच कर रहे हैं। टीम ने निरीक्षण भी किया। हादसे से पहले व बाद के फुटेज देखे। गुरुवार या शुक्रवार तक प्राथमिक रिपोर्ट पेश करेगी।