भिलाई। लोन दिलाने के नाम पर 12 लाख की ठगी के मामले में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। शातिर ने पहले लोन दिलाने के लिए प्रार्थी से 2 लाख रुपए ले लिए और इसके बाद 19 लाख 46,000 रुपए प्रार्थी के बैक आफ बडोदा के खाते में जमा करवा दिया। इसके बाद सेक्यूरिटी के नाम पर हस्ताक्षर करवाकर ब्लैंक चेक ले लिया और 10 लाख रुपए खाते से पार कर दिए। वापस मांगने पर घुमाता रहा और एक दिन फरार हो गया। इस मामले में पीड़ित की शिकायत अपराध दर्ज किया गया। वर्ष 2023 के इस मामले में पुलिस ने आरोपी को अब जाकर गिरफ्तार किया है। आरोपी ऋषिकेश उत्तराखंड में परिवार के साथ छिपा हुआ था।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार जितेन्द्र सिंह वशिष्ट ने इस संबंध में आवेदन प्रस्तुत किया था। उसने बताया कि अमित कुमार श्रीवास्तव ने स्वयं को स्टेंट बैंक भिलाई सेक्टर 01 में लोन डिपार्टमेंट का कर्मचारी बताया। जितेन्द्र सिंह को लोन दिलाने के नाम पर दस्तावेज एवं 02 लाख रुपए लिए। इसके बाद होम फर्स्ट फायनेंस बैंक से 19 लाख 46 हजार रुपए उसके बैंक आफ बडोदा के खाते में जमा करवाया। इसके बाद आवेदक से सिक्युरिटी के नाम पर 7 चेक ले लिए और एक चेक लगाकर 10 लाख रुपए अपने बैंक ऑफ बडौदा के खाते में जमा करा लिया।
इसका पता चलने पर जितेन्द्र सिंह ने उससे पूछा। तो उसने पुरे पैसे एक दो दिन में वापस कर देने का वादा किया। इसके बाद उसने अपना फोन बंद कर दिया और परिवार सहित फरार हो गया। प्रार्थी की रिपोर्ट पर आरोपी अमित कुमार श्रीवास्तव के खिलाफ 12,00,000 रुपए की ठगी का मामला दर्ज किया गया। प्रकरण की गंभीरता को देखते हुये श्रीमान पुलिस अधीक्षक दुर्ग श्री जितेन्द्र शुक्ला एवं वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना दिया गया, श्रीमान पुलिस अधीक्षक महोदय दुर्ग के निर्देशन में अति.पुलिस अधीक्षक (शहर) श्री सुखनंदन राठौर एवं नगर पुलिस अधीक्षक भिलाई सत्यप्रकाश तिवारी एवं थाना प्रभारी नेवई आनंद शुक्ला के नेतृत्व में टीम गठित कर आरोपी की पता तलाश की जा रही थी।
आरोपी अमित श्रीवास्तव घटना के बाद से लगातार मोबाइल बंद कर फरार था। हालांकि पुलिस आरोपी की लगातार पता तलाश कर रही थी। इस दौरान पुलिस को पता चला कि अमित श्रीवास्तव कुछ दिन नागपुर में रहने के बाद वहां भी कुछ लोगों से पैसे लिया और ऋषिकेश उत्तराखंड भाग गया। इसके बाद दुर्ग पुलिस की एक टीम ऋषिकेश पहुंची और अमित कुमार श्रीवास्तव को हिरासत में लेकर भिलाई ले आई। थाने में पूछताछ में आरोपी ने अपना अपराध स्वीकार किया। इसके बाद पुलिस आरोपी को विधिवत गिरफ्तार कर न्यायिक रिमाण्ड में भेजा गया। उक्त कार्रवाई में निरीक्षक आनंद शुक्ला, एएसआई रामचंद कंवर, आरक्षक भानुप्रताप यादव, लक्ष्मीनारायण, संतोष कोमा, छत्रपाल वर्मा, हेमशंकर, ओमप्रकाश श्रीवास का विशेष योगदान रहा है।
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