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Breaking News : भिलाई में अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई, जीई रोड के किनारे मजार व दुकानों पर चला बुलडोजर

करबला समिति का है मजार, हाईकोर्ट के निर्देश पर भिलाई निगम ने हटाए कब्जे

भिलाई। नगर पालिक निगम भिलाई ने अतिक्रमण पर अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई की है। सोमवार की सुबह भिलाई निगम की टीम ने भारी पुलिस बल की मौजूदगी में जीई रोड़ के किनारे चंद्रा मौर्या टाकीज से निगम के जोन कार्यालय के बीच अवैध कब्जों को हटाया। इस दौरान निगम ने करबला समिति द्वारा निर्मित स्वागत व दुकानों को भी ढहा दिया। साथ ही अवैध रूप से निर्मित दर्जनों दुकानों को तोड़ा गया। सुबह 5 बजे से ही भिलाई निगम की टीम ने अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू कर दी थी। इस दौरान करबला समिति के पदाधिकारियों ने निगम की कार्रवाई का विरोध भी किया।

बता दे इन दिनों भिलाई निगम द्वारा शहर को अतिक्रमण मुक्त कराया जा रहा है। सुपेला क्षेत्र में बीते कुछ महीनों से कई कब्जों को हटाया गया। इसी कड़ी में सोमवार को भिलाई निगम द्वारा अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया गया है। जीई रोड के किनारे चंद्रा मौयौ टाकीज से लेकर भिलाई निगम के जोन क्रमांक तीन कार्यालय तक हुए अवैध कब्जों को हटाया गया। यहां पर करबला समिति की मजार है जो धार्मिक प्रयोजन के लिए उपयोग में लाया जाता है। यहां पर समिति द्वारा किए गए अतिरिक्त निर्माण को हटाया गया। आसपास मुख्य सड़क के किनारे कई दुकानें बना ली गई जिन्हें निगम के अमले ने तोड़ दिया। मौके पर एडीएम, एसडीएम, तहसीलदार सहित 100 से ज्यादा जवान और कई थानों की फोर्स सुबह से डटी रही। इस दौरान यहां अवैध रूप से निर्मित दुकानों के साथ ही मजार का स्वागत द्वार और मस्जिद की बाउंड्री वॉल तोड़ दी गई।

हाईकोर्ट के आदेश पर हुई कार्रवाई
भिलाई निगम द्वारा यह संपूर्ण कार्रवाई हाईकोर्ट के आदेश पर की गई है। अवैध कब्जे को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। कोर्ट ने दुर्ग कलेक्टर को 120 दिनों में निर्णय लेने का समय दिया था। इसके बाद निगम आयुक्त ने 3 दिन पहले नोटिस चस्पा कर कब्जा खाली करने के लिए कहा था। निगम ने नोटिस चस्पा कर अतिरिक्त अवैध रूप से कब्जा कर निर्मित किये गए भवन स्वागत द्वार एवं बाउण्ड्रीवाल को स्वयं से 3 दिवस के भीतर हटाने कहा था। नहीं हटाने छत्तीसगढ़ नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा 307(3) के तहत निगम की टीम द्वारा कब्जे को हटाया जाएगा। दिया गया समय पूरा होने के बाद भी कब्जा नहीं हटाने पर सोमवार की सुबह निगम की टीम पहुंची और अवैध निर्माण को जेसीबी की सहायता से तोड़ा गया। इन कब्जों को हटाने के लिए 10 जेसीबी, 30 डंफर, 2 चेन माउंटर लगाए गए। भिलाई निगम द्वारा की गई इस कार्रवाई को अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई माना जा रहा है।

धार्मिक हो सामाजिक सभी तरह के अवैध कब्जे तोड़े जाएंगे
सोमवार को की गई कार्रवाई के बाद निगम अफसरों का कहना है कि भिलाई शहर को अतिक्रमण मुक्त कराया जाएगा। कब्जा धार्मिक हो, सामाजिक हो या किसी का व्यक्तिगत हो सभी को तोड़ा जाएगा। अफसरों ने बताया कि करबला समिति को कब्जा हटाने विधिवत नोटिस दिया गया था लेकिन इन लोगों ने कब्जा नहीं हटाया।  इसलिए कार्रवाई की जा रही है। अफसरों ने यह भी बताया कि 1984 में साडा (स्पेशल एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी) ने रायपुर-भिलाई मार्ग (जीई रोड) के किनारे करबला समिति को मस्जिद निर्माण के लिए 500-800 वर्ग फीट जमीन दी गई थी। अब यहां लगभग ढाई एकड़ जमीन पर अवैध कब्जा कर दुकानें, शादीघर और बड़ा गेट बना दिया गया।

करबला समिति ने किया कार्रवाई का विरोध
भिलाई निगम की इस पूरी कार्रवाई का करबला समिति ने विरोध किया है। करबला कमेटी के पदाधिकारियों ने बताया कि 1957 से मुस्लिम समाज का कब्जा है। यहां समाज के धार्मिक कार्यक्रम होते हैं और बीते 25 सालों से यहां सामूहिक विवाह कार्यक्रम भी कराया जा रहा है। समिति का यह भी कहना है कि कब्जा था तो जब निर्माण किय जा रहा था तब क्यों नहीं रोका गया। वहीं इस पूरे मामले में नगर निगम भिलाई के अपर आयुक्त अशोक द्विवेदी ने कहा कि संवेदनशील क्षेत्रों में कार्रवाई से पहले नोटिस दिया जाता है। हाईकोर्ट के आदेश पर नोटिस दिया गया लेकिन कब्जा नहीं हटा तो निगम को अपनी ओर से लीगल कार्रवाई करनी पड़ी।

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