फर्जी राशन कार्ड और यूनिटें निरस्त कराने के लिए केंद्र सरकार लाभार्थियों की ई-केवाईसी करा रही है। इसके लिए कई महीनों से अभियान चल रहा है। जिसमें अगस्त में तेजी आई है। इसके बाद भी हजारों लोग ई-केवाईसी नहीं करा रहे हैं। इनके नाम राशन कार्ड से काटे जाएंगे। इससे पहले उनका तीन महीने का खाद्यान्न वितरण निलंबित रखा जाएगा।
कोरोना काल में मुफ्त राशन वितरण होने के बाद लाभार्थियों की संख्या तेजी से बढ़ी है। सरकार अब भी मुफ्त में गेहूं और चावल का वितरण करा रही है। राशन कार्ड में परिवार के मुखिया के साथ ही सभी सदस्यों (यूनिट) के आधार कार्ड जुड़ने के बाद भी फर्जीवाड़ा नहीं रुका है। दूसरे प्रदेश के लोगों के आधार कार्ड लगाकर राशन निकाले जाने का पर्दाफाश दैनिक जागरण द्वारा पिछले वर्षों में किया गया।
वहीं बड़ी संख्या में ऐसे लोगों के नाम पर भी हर महीने राशन निकलता है, जिनकी मृत्यु हो गई है या जो घर छोड़कर कहीं अन्य स्थान पर रहते हैं। इनमें शादीशुदा बेटियां शामिल हैं। बहुत से कार्डधारक बेटे की शादी होने पर बहू का नाम तो राशन कार्ड में जुड़वाते हैं, लेकिन सुसराल गई बेटी का नाम नहीं कटवाते। इसलिए अब ई-केवाईसी कराई जा रही है, लेकिन अभियान के बाद भी बहुत से लोग इस प्रक्रिया को पूरी करने नहीं आ रहे हैं।
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दूसरे जिलों और प्रदेशों में रहने वाले लोग जहां हैं वहीं नजदीकी राशन डीलर के पास जाकर अपनी ई-केवाईसी करा सकते हैं। ये व्यवस्था स्थानीय स्तर पर भी लागू है। लोग किसी भी डीलर के पास जाकर ई-केवाईसी करा सकते हैं। बार-बार प्रयास के बाद भी जिनकी ई-केवाईसी नहीं हो पा रही है। उनका डाटा अलग रखा जाएगा। उनका राशन नहीं रुकेगा।
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