मुंगेली। भाजपा नेत्री एवं अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण छग शासन पूर्व सदस्य रत्नावली कौशल ने कहा है कि ईश्वर ने सृष्टि के हर जीव को निर्भय होकर जीने का अधिकार दिया। चींटी से लेकर हाथी तक को इस दुनिया में जीने का हक है। हमारे पूज्य संत गुरु बाबा घासीदास का संदेश भी यही था कि हर जीव अभय रहे।
भाजपा नेत्री रत्नावली कौशल ने उक्त बातें छत्तीसगढ़ में गुरु घासीदास-तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व की स्थापना के परिप्रेक्ष्य में कही हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश की हमारी संवेदनशील विष्णु देव साय सरकार ने गुरु घासीदास को समर्पित तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व की स्थापना का ऐतिहासिक और सर्वथा स्वागत योग्य फैसला लिया है। गुरु घासीदास जी का भी संदेश यही है कि इस दुनिया में हर जीव को जीने का समान अधिकार है। परम श्रद्धेय गुरु घासीदास जी ने मनखे मनखे एक समान का संदेश भले ही मानव समाज में व्याप्त जाति विभेद के दृष्टिगत दिया है, मगर हम इस संदेश की गहराई में जाएं, तो पता चलता है कि इस संदेश का निहितार्थ संपूर्ण जीव जगत के लिए है। गुरु बाबा ने दशकों पहले ही भांप लिया था कि इस पृथ्वी पर हर जीव की रक्षा जरूरी है, हर जीव को उसकी आयु तक जीने का अधिकार है। इसीलिए गुरु घासीदास जी के उपदेशों में हमें जीव दया की नसीहत मिलती है।
रत्नावली कौशल ने कहा-बाबा गुरु घासीदास ने हमें यही सिखाया है कि इस जीव जगत में सूक्ष्मत चींटी से लेकर विशालकाय हाथी तक जितने भी प्राणी हैं, उन्हें समान रूप से जीने का अधिकार है। आज मनुष्य अपने स्वार्थ के लिए निरंतर जीवों की हत्या कर अपने लिए सुख के साधन जुटाने में व्यस्त है। पेड़ों की अंधाधुंध कटाई की जा रही है, जंगल उजाड़े जा रहे हैं, जीव हत्याएं हो रही हैं। इससे प्रकृति का संतुलन बिगड़ रहा है और मनुष्य से लेकर हर प्राणी तक को तरह तरह की आपदाओं का सामना करना पड़ रहा है। पूरी दुनिया ग्लोबल वार्मिंग की चपेट में आ गई है, गलेशियर पिघल रहे हैं, कहीं अतिवृष्टि हो रही है, तो कहीं भीषण सूखे के हालात बन रहे हैं। एसी विपदाओं से बचने के लिए मानव समाज को गुरु घासीदास के संदेशों को आत्मसात करने की जरूरत है, वरना हमारा भी अस्तित्व मिटते देर नहीं लगेगी।
रत्नावली कौशल ने जैन धर्म का शानदार उदाहरण सामने रखते हुए कहा कि जैन धर्म प्राचीन धर्म है, मगर जैन धर्म के लोग जीवों के साथ ही पेड़ पौधों के प्रति भी दया भाव रखते हैं। जैन समाज के ज्यादातर लोग बरसात के मौसम में चार माह तक हरी साग सब्जियों का भी त्याग कर देते हैं। इसके पीछे वैज्ञानिक तथ्य यह है कि वनस्पतियों में इस मौसम के दौरान सूक्ष्म जीवों का प्रजनन, उत्पत्ति होती है। इन सूक्ष्म जीवों को भी वे पलने बढऩे और जीने का अवसर अपनी ओर से प्रदान करते हैं। गुरु घासीदास बाबा भी तो यही संदेश देते आए हैं। हर मनुष्य को चाहिए कि वह अपनी जीवनचर्या में पूज्य गुरु घासीदास बाबा के संदेश को शामिल कर उसी अनुरूप जीवन निर्वाह करे।
साय सरकार ने समझा तथ्य को
भाजपा नेत्री रत्नावली कौशल ने कहा कि गुरु घासीदास बाबा जी के संदेश उपदेश के मर्म को किसी ने समझा है, तो वह है हमारे छत्तीसगढ़ की विष्णु देव साय सरकार। रत्नावली ने कहा कि विष्णु देव साय सरकार सही मायने में गुरु घासीदास के पदचिन्हों पर चल रही है। तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व की स्थापना के पीछे साय सरकार की मंशा जहां शेरों का संरक्षण और उनकी संख्या बढ़ाना है, वहीं गुरु घासीदास बाबा के संदेश को सार्थक करने की भी है। टाइगर रिजर्व में जहां शेरों को निर्भय होकर जीने और वंशवृद्धि का अवसर मिलेगा। रत्नावली कौशल ने कहा है कि हमारी विष्णु देव सरकार ने प्रस्तावित तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व को पूज्य गुरु घासीदास बाबाजी के नाम पर समर्पित कर साय सरकार ने अपनी दूरगामी सोच का परिचय दिया है। साय सरकार ने ऐसा करके निश्चय ही सराहनीय और स्वागत योग्य कदम उठाया है। रत्नावली ने कहा कि सभी लोगों को दलगत भावना से ऊपर उठकर साय सरकार के इस सराहनीय फैसले का स्वागत करना चाहिए।. इस नेक कार्य के लिए भाजपा नेत्री रत्नावली कौशल ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, मंत्री दयालदास बघेल, मंत्री खुशवंत साहेब समेत मंत्रिमंडल के सभी सदस्यों का आभार व्यक्त करते हुए उन्हें धन्यवाद दिया है।
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