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हेमचंद यादव विश्वविद्यालय में दीक्षांत समारोह : 68 स्टूडेंट्स को रिसर्च डिग्री और 48 को मिला स्वर्ण पदक

दुर्ग। हेमचंद यादव विश्वविद्यालय का द्वितीय दीक्षांत समारोह बुधवार को संपन्न हुआ। दीक्षांत समारोह में विशेष रूप से राज्यपाल रमेन डेका और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय उपस्थित रहे। बीआईटी दुर्ग के सभागार में आयोजित इस दीक्षांत समारोह में 68 विद्यार्थियों को रिसर्च डिग्री और 48 विद्यार्थियों को विभिन्न कक्षाओं में प्रवीण्य सूची में प्रथम आने पर स्वर्ण मंडित पदक प्रदान किया गया। राज्यपाल रमेन डेका व सीएम विष्णुदेव साय ने विद्यार्थियों की उज्ज्वल भविष्य की कामना की।

समारोह को संबोधित करते हुए राज्यपाल रमेन डेका ने कहा कि हेमचंद यादव विश्वविद्यालय दुर्ग छत्तीसगढ़ के दूसरे दीक्षांत समारोह का हिस्सा बनने के लिए आप सभी के बीच आना मेरे लिए बहुत खुशी की बात है। पीएचडी प्राप्त करने वाले सभी शोधार्थियों और अपनी-अपनी परीक्षाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को बधाई देता हूं। मैं उन शिक्षकों, माता-पिता और अभिभावकों को भी बधाई देना चाहता हूं, जिन्होंने पढ़ाई के दौरान अपने बच्चों का समर्थन किया।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 लागू कर रही सरकार
राज्यपाल श्री डेका ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार वर्तमान शैक्षणिक वर्ष 2024-25 से राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 लागू कर रही है। एनईपी 2020 शिक्षा के साथ-साथ कौशल विकास की आवश्यकता पर जोर देता है। इसका उद्देश्य छात्रों को उद्यमिता के लिए तैयार करना है, और उन्हें ’नौकरी चाहने वाले’ बनने के बजाय ’नौकरी निर्माता’ बनाना है। अब आप सभी अपने जीवन के नये क्षेत्र में कदम रख रहे हैं। भविष्य में भारी चुनौतियाँ और अवसर आपका इंतज़ार कर रहे हैं। यह जीवन के महत्वपूर्ण निर्णय लेने का क्षण है। यह उत्सव का दिन है, एक ऐसा दिन जब आप उन कई चुनौतियों को याद करते हैं, जिन्हें आपने पार किया है और आगे आने वाली चुनौतियों का इंतजार करते हैं, यह जानते हुए कि आपके पास उनका सामना करने के लिए आवश्यक कौशल और ज्ञान है। आपके द्वारा चुने हुए पेशे या कैरियर में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए यह आवश्यक है कि आप लगातार अधिक ज्ञान प्राप्त करने का प्रयास करें और साथ ही अपने सॉफ्ट स्किल्स को विकसित करने और एक अच्छा इंसान बनने के अलावा क्षेत्र में नवीनतम ज्ञान से खुद को अपडेट और लैस करें। राज्यपाल ने डॉ. नेल्सन मंडेला के कथन को उद्यत करते हुए कहा कि “शिक्षा सबसे शक्तिशाली हथियार है जिसका उपयोग आप दुनिया को बदलने के लिए कर सकते हैं“ अब इसे साबित करना आपके ऊपर है। राज्यपाल ने कहा कि आप सभी को सलाह देता हूं कि बड़े पैमाने पर समाज के लिए काम करने का प्रयास करें और नवाचार, उद्यमिता और स्टार्ट-अप में योगदान दें जो समय की मांग है। इस क्षण को एक संरक्षित वातावरण से ऐसे वातावरण में जाने के रूप में देखें, जहां आपको दुनिया से लगातार सीखना है।

विश्वविद्यालय ने दिखाई अनुकरनीय प्रतिबद्धता
राज्यपाल ने कहा कि दुनिया ऊपर से नीचे तक बदल सकती है, लेकिन कुछ मूल मूल्य कभी नहीं बदलते। वे हैं ईमानदारी, सच्चाई, स्वयं और दूसरों का सम्मान, कड़ी मेहनत, व्यक्तिगत ईमानदारी। आज आपका कर्तव्य है कि ये मूल मूल्य पराजित न हों। सामाजिक समता के बिना विकास को कायम नहीं रखा जा सकता। इस विश्वविद्यालय ने 2015 में अपनी स्थापना के बाद से एक अनुकरणीय प्रतिबद्धता दिखाई है। इस समय में जहां नवाचार, सामाजिक परिवर्तन के चालक बन रहे हैं, आप जैसे युवा विद्यार्थियों से उम्मीद की जाती है। हमेशा इतना अतिरिक्त प्रयास करें कि आपने समाज से जो हासिल किया है, उससे अधिक समाज को वापस लौटा सकें। सामाजिक समता के बिना विकास को कायम नहीं रखा जा सकता। यह विश्वविद्यालय, दुर्ग रिसर्च, एनएसएस, एनसीसी, यूथ रेडक्रॉस, खेल-कूद, सांस्कृतिक एवं पाठ्येतर गतिविधियों जैसे हर क्षेत्र में मजबूती से प्रगति कर रहा है। हाल ही में इस विश्वविद्यालय के छात्रों ने वर्ष 2023-24 में विभिन्न एनएसएस कार्यक्रमों, युवा महोत्सवों और खेलों में पुरस्कार जीते हैं। विश्वविद्यालय द्वारा राष्ट्रीय स्तर के संस्थानों के साथ किये गये पांच एमओयू वास्तव में उल्लेखनीय हैं। राज्यपाल ने कहा कि मुझे यह जानकर बहुत खुशी हुई कि इस विश्वविद्यालय से संबद्ध कॉलेजों ने एनएएसी मान्यता प्रक्रिया के दौरान भी उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। राज्यपाल ने कहा कि अपनी शिक्षा का उपयोग समाज में बेजुबानों को आवाज देने के लिए, उत्पीड़ितों और कम भाग्यशाली लोगों के उत्थान के लिए काम करना चाहिए। राज्यपाल ने आज सम्मानित होने वाले सभी विद्यार्थियों को उनके भविष्य के प्रयासों के लिए शुभकामनाएं दी।

सीएम साय ने की ऑडिटोरियम निर्माण की घोषणा
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने समारोह को सम्बोधित करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति की मांग पर विश्वविद्यालय में यूटीडी और निर्माणाधीन भवन में ऑडिटोरियम निर्माण की घोषणा कीं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा शैक्षणिक सत्र 2024-25 से राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को पूरे प्रदेश में लागू कर दिया गया है। इससे हमारे विद्यार्थियों को न केवल अपनी रूचि के अनुसार विषय चुनने का अवसर मिलेगा बल्कि वे अपनी दक्षता के अनुसार अच्छी नौकरी प्राप्त कर सकेंगे अथवा स्वयं का व्यवसाय स्थापित कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 2047 तक विकसित भारत बनाने का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य में छत्तीसगढ़ अपनी भागीदारी बढ़-चढ़कर निभाने की दिशा में तेजी से काम कर रहा है। विकसित भारत के निर्माण में हम सभी को अपनी दक्षता के अनुसार सहयोग देना है। छत्तीसगढ़ सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य एवं पर्यावरण के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने हेतु प्रयासरत् है। पीएमश्री स्कूलों की स्थापना इसका बेहतरीन उदाहरण है।

193 स्कूलों को पीएमश्री के तहत कर रहे डेवलप
मुख्यमंत्री ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि पीएमश्री योजना के तहत छत्तीसगढ़ राज्य में पहले चरण में 193 प्राथमिक स्तर के स्कूल और 18 उच्च माध्यमिक स्तर के स्कूल को विकसित किया जा रहा है। पीएमश्री योजना के तहत तीसरे चरण में छत्तीसगढ़ के 52 स्कूल स्वीकृत हुए है। मुख्यमंत्री श्री साय ने भरोसा दिलाया कि प्रदेश सरकार एवं केन्द्र सरकार के आपसी सामंजस्य से हमारी सरकार छत्तीसगढ़ को विकसित राज्यों की कतार में खड़ा कर देगी। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि स्थापना के 09 वर्ष की अवधि में ही हेमचंद यादव विश्वविद्यालय दुर्ग ने अनेक सफलताएं प्राप्त की है। पीएम-उषा योजना के माध्यम से प्रदान की गई 15 करोड़ रूपये की राशि से दुर्ग स्थित पोटियाकला में विश्वविद्यालय के नये भवन का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। जल्द ही विश्वविद्यालय अपने नये भवन में संचालित होने लगेगा। प्रदेश सरकार छात्र-छात्राओं के हित में अनेक कदम उठा रही है। हाल ही में 21 जुलाई को पांच वर्ष के लंबे अंतराल के बाद हमने छत्तीसगढ़ राज्य पात्रता परीक्षा 2024 सफलतापूर्वक आयोजित की है। छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग के माध्यम से शासकीय महाविद्यालयों में रिक्त सहायक प्राध्यापकों के पद भरे जाएंगे। प्रदेश में व्यापम द्वारा प्रत्येक रविवार को कोई न कोई प्रतियोगी परीक्षा आयोजित की जा रही है।

दुर्ग साइंस कॉलेज को नैक बंगलुरू द्वारा ’ए प्लस ग्रेड
मुख्यमंत्री ने कहा कि दुर्ग के साइंस कॉलेज परिसर में ऑडिटोरियम निर्माण कार्य अधूरा है, इस संबंध में संबंधितों को इसे पूरा कराने निर्देशित किया गया है। हेमचंद यादव विश्वविद्यालय से सम्बद्ध 158 महाविद्यालयों में से एक दुर्ग साइंस कॉलेज को नैक बंगलुरू द्वारा ’ए प्लस ग्रेड मिला है वहीं 04 अन्य निजी महाविद्यालयों को ’ए ग्रेड मिला है। इस विश्वविद्यालय के अधीन 09 महाविद्यालयों को ’बी डबल प्लस ग्रेड प्राप्त हुआ है। यह गौरव की बात है। मुख्यमंत्री ने विश्वविद्यालय परिवार को बधाई दिया। हेमचंद यादव विश्वविद्यालय में लगभग एक हजार से अधिक पीएचडी हेतु शोधार्थी पंजीकृत है, जो कि अपने आप में एक रिकार्ड है। यहां के छात्र-छात्राओं ने शोधकार्यों एवं शैक्षणिक गतिविधियों में राष्ट्रीय स्तर पर सफलता प्राप्त की है।

शासकीय सेवा में युवाओं को 5 वर्ष की छूट
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि प्रदेश सरकार ने छत्तीसगढ़ राज्य के शिक्षित युवाओं के हित को ध्यान में रखते हुए शासकीय सेवा के लिए निर्धारित अधिकतम आयु सीमा 05 वर्ष की छूट की अवधि को पांच वर्ष के लिए और बढ़ा दिया है। युवाओं को इसका लाभ वर्ष 2028 तक मिलेगा। हेमचंद यादव विश्वविद्यालय दुर्ग उच्च शिक्षा के क्षेत्र में निरंतर अग्रणी भूमिका निभा रहा है। मेरा मानना है कि इस प्रकार के दीक्षांत समारोहों की सार्थकता तभी है, जब उच्च शिक्षा ग्रहण करने के पश्चात युवा एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में राष्ट्र निर्माण में अपना उत्कृष्ट योगदान दे सके। मुख्यमंत्री श्री साय ने दीक्षांत समारोह में सम्मिलित समस्त स्नातक, स्नातकोत्तर एवं पीएचडी की उपाधि धारकों तथा स्वर्ण पदक प्राप्त छात्र-छात्राओं, उनके अभिभावक तथा शिक्षकों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री साय ने विश्वविद्यालय के कुलपति की मांग पर विश्वविद्यालय में यूटीडी और निर्माणाधीन भवन में ऑडिटोरियम निर्माण की घोषणा किया। समारोह में शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास दिल्ली के सचिव शिक्षाविद डॉ. अतुल कोठारी ने दीक्षांत भाषण दिया। कुलपति डॉ. अरूणा पल्टा ने स्वागत प्रतिवेदन प्रस्तुत किया और विद्यार्थियों को दीक्षा शपथ दिलाई। इस अवसर पर विधायक ललित चन्द्राकर, श्री गजेन्द्र यादव एवं रिकेश सेन, शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास दिल्ली के सचिव शिक्षाविद डॉ. अतुल कोठारी, विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. अरूणा पल्टा, कुलसचित श्री भूपेन्द्र कुलदीप, स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं विश्वविद्यालय के प्रोफेसर, अभिभावकगण, विद्यार्थीगण बड़ी संख्या में उपस्थित थी।

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