पटना. प्राचीन काल से ही परंपरा चलती आ रही है कि जब भी हम किसी विद्वान व्यक्ति या उम्र में बड़े व्यक्ति से मिलते हैं तो उनके पैर छूते हैं. इस परंपरा को मान-सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है. इस परंपरा का पालन आज भी काफी लोग करते हैं. चरण स्पर्श करने से धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों तरह के लाभ प्राप्त होते हैं. पटना के मशहूर ज्योतिषविद डॉ. श्रीपति त्रिपाठी बताते हैं कि जब भी कोई व्यक्ति चाहे वह स्त्री हो या पुरुष, हमारे पैर छुए तो उन्हें आशीर्वाद तो देना ही चाहिए, साथ ही भगवान या अपने इष्टदेव को भी याद करना चाहिए.
आमतौर पर हम यही प्रयास करते है कि हमारा पैर किसी को न लगे, क्योंकि ये अशुभ कर्म माना गया है. जब कोई हमारे पैर छूता है तो हमें इससे भी दोष लगता है. इस दोष से बचने के लिए मन ही मन भगवान से क्षमा मांगनी चाहिए.
कोई पैर छुए तो क्या करेंजब भी कोई हमारे पैर छूता है तो उस समय भगवान का नाम लेने से पैर छूने वाले व्यक्ति को भी सकारात्मक फल मिलते हैं. आशीर्वाद देने से पैर छूने वाले व्यक्ति की समस्याएं खत्म होती हैं, उम्र बढ़ती है और नकारात्मक शक्तियों से उसकी रक्षा होती है. हमारे द्वारा किए गए शुभ कर्मों का अच्छा असर पैर छुने वाले व्यक्ति पर भी होता है. जब हम भगवान को याद करते हुए किसी को सच्चे मन से आशीर्वाद देते हैं तो उसे लाभ अवश्य मिलता है. किसी के लिए अच्छा सोचने पर हमारा पुण्य भी बढ़ता है.
कुंवारी कन्या: कुंवारी कन्याओं को किसी के पैर नहीं छूना चाहिए या यदि कोई कुंवारी कन्या आपके पैर छूने का प्रयास करें तो उसे रोक दें अन्यथा आपको पाप लगेगा. छोटी बच्चियों और कन्याओं के तो पैर छूकर उनका आशीर्वाद लेना चाहिए.बेटियां : किसी भी पिता को अपनी बेटियों से पैर नहीं छुआना चाहिए. बेटियों को भी चाहिए कि वह पिता के पैर नहीं छुए अन्यथा पिता को पाप लगता है. बेटियों को देवी का रूप माना जाता है इसलिए उनसे चरण नहीं छुआना चाहिए.बहुएं : कुछ समाज में बहुएं अपनी सास के पैर छू सकती है, परंतु श्वसुर के नहीं क्योंकि बहुएं घर की लक्ष्मी होती हैं.
मंदिर में : यदि आप मंदिर में हैं और आपको वहां पर कोई बड़ा-बुजुर्ग या सम्मानीय व्यक्ति मिल जाता है तो आप पहले भगवान को प्रणाम करें क्योंकि मंदिर में भगवान से बड़ा कोई नहीं होता. भगवान के सामने किसी के पैर छूना मंदिर और भगवान का अपमान माना जाता है.पूजा कर रहे व्यक्ति के पैर छूना : यदि कोई व्यक्ति मंदिर या घर में पूजा कर रहा है उस दौरान उसके पैर छूना उचित नहीं है. ऐसे में दोनों को ही पाप लगता है. दूसरी बात इससे पूजा में बाधा उत्पन्न होती है
सोये हुए व्यक्ति के पैर छूना : यदि कोई व्यक्ति सो रहा है या लेटा हुआ है तो उस समय उसके पैर नहीं छूना चाहिए. ऐसा माना जाता है कि इससे लेटे हुए व्यक्ति की उम्र घटती है. केवल मरे हुए व्यक्ति के ही पैर लेते अवस्था में छुए जाते हैं.
श्मशान से लौटे व्यक्ति के पैर छूना: यदि कोई सम्मानित व्यक्ति या बड़े-बुजुर्ग श्मशान घाट से लौट रहे हैं तो उन्हें देखकर कई लोग उनके पैर छूने लगते हैं जो कि गलत है. अंतिम संस्कार से लौटने पर व्यक्ति अशुद्ध हो जाता है ऐसे में उसके पैर छूना वर्जित है. स्नान करने के बाद ही उसके पैर छू सकते हैं. इसी प्रकार श्मशान में भी किसी के पैर नहीं छूना चाहिए.भांजा भांजी : यदि आप किसी के भांजे हैं तो आपको मामा मामी के पैर नही छूना चाहिए क्योंकि भांजा या भांजी पूजनीय होते हैं. मामा मामी को पाप लगता है पत्नी : पति-पत्नी का रिश्ता बहुत ही पवित्र रिश्ता होता है और यह साझेदारी का रिश्ता होता है. परंतु पति को कभी भी अपनी पत्नी के पैर नहीं छूना चाहिए क्योंकि इससे पत्नी को पाप लगता है.