दुर्गम क्षेत्र में गर्भवती माताओं की जांच और परामर्श, पोषण और सुरक्षित मातृत्व पर विशेष ध्यान
बीजापुर। छत्तीसगढ़ में प्रदेशव्यापी “स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार अभियान” के तहत बीजापुर जिला के नक्सल ग्रस्त अबूझमाड़ क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाएँ पहुंचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया गया। इस अभियान के अंतर्गत 20 सितम्बर को स्वास्थ्य दल इंद्रावती नदी को नाव से पार कर कोंडे ग्राम पहुँचा और वहाँ एक स्वास्थ्य शिविर आयोजित किया।
शिविर में कुल 132 मरीजों की स्वास्थ्य जांच की गई, जिनमें 14 मलेरिया, 26 सर्दी-खांसी और 25 त्वचा सम्बन्धी रोगों के मरीज शामिल थे। खासतौर पर 10 गर्भवती माताओं की संपूर्ण स्वास्थ्य जांच, आवश्यक टीकाकरण और परामर्श प्रदान किया गया। इन माताओं को प्रसव पूर्व देखभाल, पोषण, एनीमिया से बचाव और सुरक्षित मातृत्व के विषय में जानकारी दी गई। स्वास्थ्य कर्मियों की प्रतिबद्धता का परिचय देते हुए, उफनती इंद्रावती नदी को पार करने के लिए स्वास्थ्य दल ने स्वयं नाव चलाकर दुर्गम क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाएँ पहुँचाईं।
इस प्रयास से कोंडे जैसे दूरदराज गाँव में स्वास्थ्य सुविधाएँ पहुंच सकीं। इस अभियान में ग्रामीण चिकित्सा सहायक शिवेंद्र रात्रे, BETO के. पी. विर्वंश, स्वास्थ्य कार्यकर्ता राजू पुगंटी, अरुण पागे, अतुल कुशवाहा और वार्ड ब्वाय सुखराम गोटा की महत्वपूर्ण भूमिका रही।प्रदेश सरकार का यह प्रयास “स्वस्थ नारी ही सशक्त परिवार की आधारशिला है” के सिद्धांत को साकार करता है। इस अभियान के जरिए सरकार का उद्देश्य हर नारी तक स्वास्थ्य सेवाएँ पहुँचाने और उन्हें बेहतर जीवनशैली की जानकारी प्रदान करना है।

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