छत्तीसगढ़

ओज़ोन परत की रक्षा – धरती का कर्तव्य, जीवन का संकल्प”.

“ओज़ोन परत की रक्षा – धरती का कर्तव्य, जीवन का संकल्प”……

(“विश्व ओज़ोन दिवस पर सावित्रीपुर विद्यालय में जागरूकता संगोष्ठी”)

सांकरा जोंक“आकाश की असीमित ऊँचाइयों में, नीले विस्तार के बीच फैली वायुमंडल की परतें हमारी अदृश्य ढाल हैं। इन्हीं के सहारे पृथ्वी पर जीवन की गाथा लिखी जाती है।”

इसी भावभूमि के साथ शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सावित्रीपुर में 16 सितम्बर को विश्व ओज़ोन दिवस का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता जीव विज्ञान व्याख्याता श्रीमती सविता जलछत्री ने की। उन्होंने विद्यार्थियों को ओज़ोन परत की महत्ता, उसके क्षरण से होने वाले दुष्परिणाम और उसके संरक्षण की आवश्यकता पर रोचक और ज्ञानवर्धक उद्बोधन दिया।

उन्होंने कहा कि वायुमंडल की पाँच परतें – क्षोभमंडल, समतापमंडल, मध्य मण्डल, तापमंडल और बहिर्मंडल – जीवन की रक्षा के प्रहरी हैं। क्षोभमंडल हमें श्वास और वर्षा देता है, मध्य मण्डल उल्काओं को भस्म कर हमें बचाता है, तापमंडल से संचार और उपग्रह संभव हैं, बहिर्मंडल हमें ब्रह्मांड से जोड़ता है। और इन्हीं सबके बीच समतापमंडल में स्थित ओज़ोन परत जीवन की अदृश्य ढाल है, जो सूर्य की घातक पराबैंगनी किरणों को रोककर पृथ्वी पर हर प्राणी की रक्षा करती है।

उन्होंने चेतावनी दी कि यदि ओज़ोन परत क्षीण हो जाए तो न केवल मानव बल्कि पेड़-पौधे, पशु-पक्षी, सभी के अस्तित्व पर संकट छा जाएगा। त्वचा रोग, आँखों की बीमारियाँ, फसलों की क्षति और जलवायु परिवर्तन इसकी भयंकर परिणतियाँ होंगी। अतः हमें उन रसायनों का उपयोग कम करना होगा जो ओज़ोन परत को नुकसान पहुँचाते हैं और पर्यावरण–अनुकूल जीवनशैली अपनानी होगी।

इस अवसर पर छात्रों ने “ओज़ोन बचाओ – जीवन बचाओ”, “हरी धरती, सुरक्षित वायुमंडल” और “ओज़ोन परत का संरक्षण – मानवता का जीवन” जैसे प्रभावी नारे प्रस्तुत किए। विद्यालय के प्रांगण में लगे पोस्टर और विद्यार्थियों के ओजस्वी भाषणों ने वातावरण को प्रेरणादायक बना दिया।

अंत में पूरे विद्यालय परिवार ने सामूहिक शपथ ली कि वे ओज़ोन परत की रक्षा और पर्यावरण संरक्षण के लिए निरंतर प्रयासरत रहेंगे।

Manoj Mishra

Editor in Chief

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