बीजापुर (छत्तीसगढ़)। देश में 19 अप्रैल से पहले चुनावी चरण की शुरुआत होने जा रही है। जिसे लेकर लगभग सभी तैयारियां पूरी हो चुकी है। पक्ष और विपक्ष भी मैदान में कड़ी मेहनत करते हुए दिखाई दे रहे हैं। वहीं, लोकसभा चुनाव से पहले बीजापुर में मतदान दल हेलीकॉप्टर से नक्सल प्रभावित इलाकों के लिए रवाना हो रहे हैं। सुरक्षा को देखते हुए ये निर्णय लिया गया था।बीजापुर कलेक्टर अनुराग पांडे ने कहा कि पूरी योजना चुनाव आयोग के मार्गदर्शन और हमारे राज्य के चुनाव आयोग के अधिकारियों के निर्देश पर की गई है। हम मतदान से 3 दिन पहले टीमें भेजना शुरू कर देते हैं। आज से मतदान अधिकारी अलग-अलग क्षेत्रों के लिए रवाना होंगे। बीजापुर जिले के अधिकारी-कर्मचारी इसके लिए पूरी तरह से तैयार हैं और पिछले विधानसभा चुनाव और उससे पहले भी उन्होंने बहुत अच्छा काम किया है… सुरक्षा व्यवस्था समेत सभी इंतजाम किए गए हैं।
बीजापुर के एसपी जीतेंद्र यादव ने कहा कि हम मतदान दल सीधे हेलीकॉप्टर के जरिए उन इलाकों में भेजते हैं जो खतरे वाले क्षेत्र हैं। केंद्रीय सशस्त्र बल, राज्य सशस्त्र बल और डीआरजी सभी शामिल हैं और विभिन्न क्षेत्रों में क्षेत्र प्रभुत्व खोज करेंगे। एक सुरक्षित माहौल तैयार किया जाएगा, जिसमें आम लोग वोट डाल सकें।
महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में हेलीकॉप्टर से रवाना हुआ मतदान दल
लोकसभा चुनाव से पहले गढ़चिरौली में मतदान दल हेलीकॉप्टर से नक्सल प्रभावित इलाकों के लिए रवाना हो रहे हैं। गढ़चिरौली में 19 अप्रैल को पहले चरण में मतदान होना है।
लखमा-महेश सहित 11 प्रत्याशी मैदान में
लोकसभा चुनाव में प्रमुख राजनीतिक दल भाजपा के महेश कश्यप व कांग्रेस के कवासी लखमा सहित सीपीआइ, बहुजन समाज पार्टी, अन्य दल और निर्दलीय को मिलाकर 11 प्रत्याशी 19 अप्रैल को होने वाले चुनावी मुकाबले में होंगे। अभी प्रचार-प्रसार जारी है जो 17 अप्रैल को थम जाएगा। मुख्य मुकाबला भाजपा के महेश कश्यप व कांग्रेस के कवासी लखमा के बीच दिखाई दे रहा है। महेश कश्यप मोदी की गारंटी पर चुनाव लड़ते दिख रहे हैं तो लखमा अपने भरोसे पर।
2019 के मुकाबले 118 नए केंद्र
बस्तर में पिछले पांच वर्ष में सुरक्षा बल के लगभग 200 नए कैंप नक्सलियों के आधार क्षेत्र में स्थापित किए जाने के बाद लगभग 3,000 वर्ग किमी का क्षेत्र नक्सलियों के प्रभाव से सुरक्षा बल ने मुक्त करा लिया है। नक्सल प्रभावित 2,700 से अधिक गांव में से लगभग 600 गांव से नक्सलियों को खदेड़ा गया है। 2019 के लोकसभा चुनाव के मुकाबले इन गांव में 118 नये मतदान केंद्र इस बार खोले गए हैं, जहां दशकों बाद ग्रामीण अपने ही गांव में मतदान करेंगे। इसमें से बीजापुर जिले में पालनार एकमात्र ऐसा गांव हैं, जहां चार माह पहले हुए विधानसभा चुनाव में भी मतदान नहीं हुआ था।