21वीं शताब्दी में लोग डिजिटल और आधुनिक हो चुके हैं। नई-नई तकनीक अब आम जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुकी हैं। इस मॉर्डन जमाने में गर्मी से राहत पाने के लिए एसी और कूलर सबसे जरूरी माने जाते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है जब एसी और कूलर नहीं थे, जब लोग अपने घर को कैसे ठंडा रखते थे।बता दें कि गर्मियों में बिना AC और कूलर के भी घर को ठंडा रखना कोई नई बात नहीं है। सदियों पहले से ऐसे कई देसी तरीकों का इस्तेमाल होता आ रहा है जो आज भी कारगर माने जाते हैं। अच्छी बात है कि इनकी वजह से बिजली की बचत भी हो सकती है। भीषण गर्मी से राहत दिलाने के लिए हम आपको 5 ऐसे तरीकों के बारे में बता रहे हैं।पुराने जमाने के घरों में दीवारें काफी मोटी होती थीं और छतें भी ऊंची बनाई जाती थीं। क्योंकि मोटी दीवारें बाहर की गर्मी को अंदर आने से रोकती हैं और एक इन्सुलेटर का काम करती हैं। जिससे दिन की धूप का असर घर के अंदर कम होता है। जबकि ऊंची छतों में गर्म हवा ऊपर जमा हो जाती है और नीचे का हिस्सा ठंडा और आरामदायक रहता है।
धूप से सीधे बचाव के लिए छज्जे और शेड का इस्तेमाल प्रभावी माना जाता था। घरों में खिड़कियों और दरवाजों के ऊपर लंबे छज्जे बनाए जाते थे, जो सूरज की सीधी किरणों को घर में घुसने से रोकते थे। जबकि शेड दिनभर की धूप से दीवारों को गर्म होने से बचाते थे। आज भी आप हैं, जो आपके घर को खूसबूरत भी दिखाएंगे।हवा के सही सर्कुलेशन के लिए वेंटिलेटर और खिड़कियों का डिजाइन काफी मायने रखता है। पुराने घरों में क्रॉस-वेंटिलेशन फोकस किया जाता था। इसके लिए एक-दूसरे के सामने खिड़कियां और दरवाजे बनाए जाते थे, जिससे हवा का बहाव आसानी से हो सके। छतों के पास छोटे वेंटिलेटर लगाए जाते थे, ताकि गर्म हवा बाहर निकल सके। इस समय में भी आप इस तरह की खिड़की और वेंटिलेशन के लिए कर सकते हैं।