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भीषण गर्मी में जलसंकट: एसईसीएल की लापरवाही से उपजा दर्द; पानी की एक बूंद को तरसते ग्रामीण, दे रहे आंदोलन की चेतावनी

कोरबा। कोरबा जिले के गेवरा थाना क्षेत्र में साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल) द्वारा खदान प्रभावित गांवों में पानी आपूर्ति के लिए करोड़ों रुपये का ठेका दिया गया है, लेकिन ठेकेदार द्वारा नियमित पानी आपूर्ति नहीं की जा रही है। इससे ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल और निस्तार के लिए भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मजबूरी में उन्हें 600 रुपये प्रति टैंकर पानी खरीदना पड़ रहा है। ग्रामीणों में इस स्थिति को लेकर भारी आक्रोश है और वे आंदोलन की चेतावनी दे रहे हैं।

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प्रभावित गांव हरदी बाजार भांठापारा की महिलाओं ने बताया कि क्षेत्र में पानी की समस्या लंबे समय से बनी हुई है। गर्मी शुरू होते ही यह संकट और गहरा जाता है। पानी की आपूर्ति अनियमित है, और टैंकर 5-6 दिन में एक बार आता है, जो पर्याप्त नहीं है। पिछले पांच दिनों से टैंकर नहीं पहुंचा, जिससे निस्तार और पेयजल के लिए ग्रामीणों को भारी दिक्कत हो रही है।

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ग्रामीणों ने बताया कि क्षेत्र में पाइपलाइन बिछाने का कार्य अब तक शुरू नहीं हुआ है, जिसके कारण नियमित जलापूर्ति की कोई व्यवस्था नहीं है। कुछ लोगों ने निजी बोरवेल बनवाए, लेकिन गर्मी में इनका पानी सूख जाता है। क्षेत्र में केवल एक-दो सरकारी बोरवेल हैं, जहां पानी के लिए लंबी कतार लगती है। बिजली कटौती होने पर इन बोरवेलों से भी पानी नहीं मिल पाता। ग्रामीणों ने जनप्रतिनिधियों के माध्यम से एसईसीएल प्रबंधन को कई बार शिकायत की, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।

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जनप्रतिनिधियों द्वारा नियमित जलापूर्ति का आश्वासन दिया जाता है, लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है। ग्रामीणों ने मांग की है कि एसईसीएल प्रबंधन ठेकेदार पर कड़ी निगरानी रखे और नियमित जलापूर्ति सुनिश्चित करे। साथ ही, पाइपलाइन बिछाने और स्थायी समाधान के लिए तत्काल कदम उठाए जाएं। यदि जल्द ही समस्या का समाधान नहीं हुआ, तो ग्रामीण बड़े आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। एसईसीएल प्रबंधन से अपील है कि प्रभावित गांवों की इस गंभीर समस्या पर त्वरित ध्यान देकर ग्रामीणों को राहत प्रदान की जाए।

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Manoj Mishra

Editor in Chief

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