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मध्यप्रदेश सरकार के खजाने में ‘धनवर्षा’, इन 4 विभागों को कुबेर से मिला आशीर्वाद – MP GOVERNMENT REVENUE

भोपाल: मध्यप्रदेश के 4 विभागों ने प्रदेश सरकार की झोली में 82 हजार करोड़ रुपए डाले हैं. सरकार को सबसे ज्यादा राजस्व जीएसटी और वैट से मिला है. सरकार को जीएसटी व वैट से 55 हजार 500 करोड़ रुपए मिले. आबकारी विभाग से सरकार की झोली में 15 हजार 200 करोड़ और खनिज विभाग से 10 हजार 228 करोड़ मिले हैं. इसी तरह जमीन की खरीद-बिक्री होने से स्टांप ड्यूटी से सरकार को 12 हजार करोड़ रुपए मिले हैं. राज्य सरकार ने अब इन विभागों के लिए राजस्व का लक्ष्य और बढ़ा दिया है.

मध्यप्रदेश सरकार को 2.5 लाख करोड़ का राजस्व

मध्यप्रदेश सरकार को पिछले साल 2.5 लाख करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ. इनमें से सबसे ज्यादा राजस्व इन 4 विभागों ने दिया. अब राज्य सरकार ने वाणिज्यिक कर विभाग को नए वित्तीय वर्ष के लिए 96 हजार करोड़ का लक्ष्य दिया है. इसमें आबकारी विभाग के लिए 17 हजार 500 करोड़ का लक्ष्य दिया गया है. वहीं जीएसटी से 42 हजार 140 करोड़, वैट से 22 हजार 698 करोड़ और पंजीयन से 13920 करोड़ का लक्ष्य दिया गया है.

वन विभाग ने राजस्व का बनाया रिकॉर्ड

 

मध्यप्रदेश के वन विभाग ने भी राजस्व के मामले में इस साल रिकॉर्ड बनाया है. वन विभाग ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में 1600 करोड़ से ज्यादा का राजस्व प्राप्त किया. यह वन विभाग का सबसे ज्यादा राजस्व है. वर्ष 2023-24 में वन विभाग को 1425 करोड़ रुपए मिले थे. वन विभाग को राजस्व लकड़ियों की नीलामी से हुआ है. वन विभाग को इस साल टिम्बर की बिक्री से 850 करोड़ रुपए मिले हैं. इसके अलावा वनों से जुड़े दूसरे उत्पादों और पर्यावरण शुल्क से बाकी राशि प्राप्त हुई है.वन विभाग ने राजस्व कलेक्शन के काम को डिजिटल किया है. इस वृद्धि को इससे भी जोड़कर देखा जा रहा है. ऑनलाइन चालान से विभाग को 1528 करोड़ रुपए मिले हैं. राज्य सरकार को सबसे ज्यादा राजस्व खनन क्षेत्र से बढ़ने की है. सरकार को इस साल खनिज विभाग से 10 हजार 228 करोड़ रुपए मिले हैं. सरकार को उम्मीद है कि अगले 5 सालों में ये बढ़कर 55 हजार करोड़ से ज्यादा पहुंच जाएगा. इसके लिए प्लेटिनम, ग्लूकोनाइट, हीरे जैसे क्रिटिकल मिनिरल्स को ब्लॉक की नीलामी की जा रही है और नए ब्लॉक को खोलने की तैयारी है.

Manoj Mishra

Editor in Chief

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