किसान आलोक कुमार ने आगे बताया कि अक्टूबर महीने में प्लांटेशन किया गया था. आत्मा सीतामढ़ी द्वारा हम लोगों को प्लांट मिला था. करीब साढ़े तीन हजार प्लांट हमने यहां पर आम के बगीचे में लगाए थे. जहां पर पौधे लगाए हैं, वहां पर्याप्त धूप मिल रही है
आगे वे बताते हैं, कि दिसंबर माह से इसमें फलन स्टार्ट हो गया और फल भी अच्छे साइज का हो गया है. इस फल का मार्केट के फल से थोड़ा अलग स्वाद है. जिसकी वजह से मार्केट में इसकी अच्छी डिमांड है.उन्होंने आगे बताया कि करीब दो सौ ग्राम का डिब्बा हम लोग तैयार कर देते हैं और मार्केट में 100 से 140 तक बिकता है. आगे वे बताते हैं, कई कस्टमर तो खुद खेत पर आकर ले जाते हैं.वे बताते हैं, कि मार्केट में इसकी डिमांड अधिक है. वहीं गोबर और पानी की सिंचाई से इसकी खेती कर रहे हैं. इसमें किसी तरीके की खाद और दवा का इस्तेमाल नहीं किया है.आगे वे कहते हैं, कि अब इसकी खेती का दायरा बढ़ाएंगे. इसकी बैंगलोर से मंगाकर खेती करेंगे. क्योंकि यहां नर्सरी तैयार करना थोड़ा मुश्किल है. इसलिए बैंगलोर या पूना से ही इसका पौधा आता है. पौधा मंगाने के बाद इसकी खेती रवि की फसल के रूप में की जा सकती है और यह गेहूं से ज्यादा अच्छा पैसा देगा.