नई दिल्ली. हिंदी सिनेमा के इतिहास को एक शताब्दी से ज्यादा का वक्त गुजर गया है. इन 100 सालों में बॉलीवुड को कई दिग्गज और सुपरस्टार्स मिले. एक से बढ़कर एक फिल्मों का निर्माण हुआ. ‘आनंद’, ‘शोले’ से ‘बाजीगर’, ‘छावा’ तक कई फिल्में बनीं, जिनको लोगों का बेतहाशा प्यार मिला. 1987 में एक फिल्म रिलीज हुई, जो छोटे बजट में तैयार हुई. लेकिन जब रिलीज हुई तो मेकर्स को मालामाल कर दिया था. इस फिल्म को सलीम-जावेद की जोड़ी ने लिखा था. इस फिल्म ने बॉलीवुड का पूरा ट्रेंड ही बदल दिया था.
सलीम-जावेद की जोड़ी जब भी फिल्म की कहानी को लिखती थी, तो हमेशा उनके जहन में फिल्म का हीरो होता था. इस फिल्म के लिए भी उन्होंने दो नाम चुने थे. पहले राजेश खन्ना और दूसरे अमिताभ बच्चन. दोनों ने फिल्म को रिजेक्ट कर दिया. फिर हीरो किसे बनाया जाए, ये विचार शुरू हुआ तो प्रोड्यूसर ने तिगड़म लगाया और अपने ही भाई को फिल्म का लीड हीरो बना दिया. किस्मत ऐसी चमकी की इस फिल्म के बाद फिर उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.
38 साल पहले आई थी फिल्म, फिल्म ने दुनिया भर में मचाया धमाल
भारत ही नहीं यह फिल्म चाइना और कई अन्य देशों में भी हिट हुई. फिल्म में किरदारों के नाम के साथ फिल्म की कहानी को खूब पसंद किया गया. इस साल इस फिल्म को बेस्ट एक्टर, बेस्ट एक्ट्रेस और बेस्ट डायरेक्टर के साथ बेस्ट फिल्म का भी अवार्ड मिला. ये फिल्म और कोई नहीं बल्कि 38 साल पहले आई फिल्म ‘मिस्टर इंडिया’ है.
बॉलीवुड की पहली सुपरहीरो फिल्म
यह फिल्म बॉलीवुड की पहली सुपरहीरो फिल्म थी, जहां अभी तक लोग सिर्फ सुपरमैन और ही-मैन को जानते थे. वहीं, बॉलीवुड लोगों को एक नया सुपर हीरो दिया. इस फिल्म में डायरेक्टर ने गायब करने वाले बैंड (कलाई पर बांधने वाले) से ऐसी कहानी रची, जो लोगों के दिल में बस गई.
1980 में लिख ली थी सलीम-जावेद ने फिल्म की कहानी
फिल्म के लेखक सलीम-जावेद ने इस फिल्म की कहानी साल 1980 में ही लिख दी थी. उन्होंने इस फिल्म को अमिताभ बच्चन और राजेश खन्ना को ध्यान में लिखकर लिखी थी, लेकिन जब उन्होंने फिल्म की कहानी एक्टर को सुनाई तो उन्होंने स्क्रीन पर नहीं दिख पाने की वजह से फिल्म को मना कर दिया, जिसके बाद सलीम-जावेद काफी दुखी भी हुए थे.