रायपुर। वंदे भारत एक्सप्रेस को फिर एक बार निशाना बनाने की कोशिश की गई। आए दिन किसी न किसी रूट की ट्रेनों को पलटाने या पटरी से उतारने की खबरें सामने आ रही है। इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ से एक बड़ी खबर सामने आ रही है। खबर हे कि दुर्ग विशाखापट्टनम वंदे भारत एक्सप्रेस को निशनाा बनाया गया है। हालांकि पायलट ने समझदारी से काम लेते हुए हादसे से पहले ही ट्रेन को रोक दिया था।
मिली जानकारी के अनुसार घटना कल देर रात की है, जब वंदे भारत एक्सप्रेस विशाखापट्टनम से दुर्ग के लिए रवाना हुई। लेकिन छत्तीसगढ़ के प्रवेश करने से पहले ही ओडिशा के लिए नुआपाड़ा स्टेशन पर ट्रेन को हादसे का शिकार बनाने की कोशिश की गई। बताया गया कि ट्रैक पर वंदे भारत एक्सप्रेस को बेपटरी करने के इरादे से ट्रैक पर बड़ा पत्थर रख दिया गया था, लेकिन पायलट ने पहले ही देख ली। ट्रैक पर पत्थर देखते ही पायलट ने ट्रेन 100 मीटर पहले ही रोक दी।
ट्रेन रोकने के बाद लोको पायलट ने इस बारे में स्टेशन मास्टर को सूचित किया। जल्द ही रेलवे के कर्मचारी मौके पर पहुंचे और ट्रैक से पत्थर को हटा दिया, जिसके बाद करीब एक घंटे बाद ट्रेन की आवाजाही सामान्य हो सकी। फिलहालनुआपाड़ा पुलिस स्टेशन से एक टीम भी मौके पर पहुंची और मामले की जांच शुरू कर दी कि ट्रैक पर पत्थर किसने और क्यों रखा था।
दो बार हो चुका है ट्रेन पर पथराव
बता दें कि दुर्ग विशाखपट्टनम एक्सप्रेस को पहली बार शिकार नहीं बनाया गया है। पहले भी इस ट्रेन में पथराव की दो घटनाएं हो चुकी है। 13 सितंबर को दुर्ग-विशाखापट्टनम वंदे भारत जब ट्रायल के दौरान महासमुंद से बागबाहरा के लिए गुजर रही थी इस दौरान भी ट्रेन में पथराव किया गया था। वहीं, 28 सितंबर को विशाखापट्नम से दुर्ग लौट वंदे भारत एक्सप्रेस को खरीयार रोड के पास शिकार बनाया गया था। रात करीब 9 बजे जब ट्रेन खरियार रोड स्टेशन के आउटर में पहुंची तो कुछ युवकों ने पथराव किया था। इसकी वजह से ट्रेन के एक्जीक्यूटिव क्लास के ई-2 के सीट नंबर 33-34 की खिड़की टूटकर चकना चूर हो गई थी।
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