छठ पर्व के तीसरे दिन व्रतियों ने दिया अस्ताचल गामी सूर्य को दिया अर्घ्य, छठ घाटों जुटी हजारों की भीड़
भिलाई। लोक आस्था का पर्व छठ महापर्व के तीसरे दिन अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देकर लोगों ने छठी मैय्या की आराधना की। गुरुवार की शाम को इस्पात नगरी के छठ घाट छठी मैय्या की आराधना से सराबोर दिखे। इस दौरान भक्ति का वृहंगम दृष्य देखते ही बन रहा था। चारो ओर छठी मैय्या की आराधना के लिए घाटों पर हजारों की संख्या में लोग दिखे। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी में छठ पर्व को लेकर उत्साह दिखा। छठ पर्व के चौथे दिन शुक्रवार को उगते सूर्य को अर्घ्य महिलाएं व्रत का परायन करेंगी।
छठ पूजा को देखते हुए भिलाई निगम प्रशासन द्वारा पूर्व से ही तैयारियां की गई थी। शहर के प्रमुख तालाबों की सफाई कराई गई ताकि पूजा के दिन किसी प्रकार का विघ्न न पड़े। गुरुवार को दोपहर बाद से ही लोगों का छठ घाटों पर पहुंचने के सिलसिला शुरू हो गया। व्रतियों ने घाट पर पहुंचकर वेदी पर छठ मैय्या की पूजा की। इसके बाद तालाब में खड़े होकर डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया। होई न नारियल-कैरवा घोउदवा नदिया किनार, सुनिहा अरज छठी मईया, बढ़े कुल परिवार, लोक गीतों के साथ अस्त होते सूर्य देव को अर्घ्य देने इकट्ठे हुए लोग घाटों पर पूजा के समय छठ के पारंपरिक गीतों को गाते रहे। पूजा के बाद घरों में गन्ने से मंडप सजाकर कोसी भरी गई।
छठ के लिए तालबों पर की आकर्षक सजावट
छठ पर्व के लिए ट्विनसिटी के प्रमुख तालाबों में आकर्षक सजावट की गई। इस बार बैकुंठधाम का तालाब भी काफी आकर्षक लगा। कई वर्षों बाद बैकुंठधाम के लोगों को सुविधायुक्त तालाब में अर्घ्य देने का मौका मिला। इसके अलावा भेलवा तालाब कोहका, शीतला तालाब सुपेला, रामनगर केंप-1, हिन्द नगर रिसाली, वार्ड-44 मरोदा शीतला तालाब, घासीदास नगर तालाब, सूर्य कुंड तालाब हाउसिंग बोर्ड, दर्री तालाब कुरूद, आमदी नगर हुडको, सेक्टर-2, सेक्टर-07, खुर्सीपार, दरी तालाब छावनी, बापू नगर, लक्ष्मण नगर, शीतला तालाब सुपेला और रामनगर तालाब, नेहरू नगर भेलवा तालाब, दुर्ग में दीपक नगर तालाब, शक्तिनगर, ठगडा बांध, शिवनाथ नदी तट, कातुलबोर्ड तालाब आदि को दुल्हन की तरह सजाया गया था।
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रेम प्रकाश पाण्डेय की आराधना
छत्तीसगढ़ विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष प्रेमप्रकाश पाण्डेय ने गुरुवार को सेक्टर -2 छठ तालाब पहुंचकर अस्त होते सूर्य को अर्घ्य देकर पूजा- अर्चना की। उन्होंने छठ मइया की पूजा- अर्चना कर भिलाईवासियों और प्रदेश की खुशहाली एवं उत्तम स्वास्थ्य की कामना की। इस दौरान उन्होंने लोगों से भेंट करते हुए उनका हालचाल जाना और लोगों को छठ पर्व की शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि सूर्य देव विपुल ऊर्जा के स्रोत हैं। छठ एकमात्र पर्व है जहां हम अस्त होते सूर्य को अर्घ्य देते हैं, नई सुबह और नई उम्मीद के साथ हमारे जीवन में सकारात्मकता का संचार हो। इस सकारात्मकता के साथ सूर्य देव हमें सदैव आगे बढ़ते रहने की ऊर्जा प्रदान करते हैं।
जानिए क्या है छठ पूजा की मान्यता
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस पूजा की शुरुआत महाभारत काल से मानी जाती है। दौपदी और पांडवों ने छठ पूजा का व्रत रखा था। उन्होंने अपने राज्य को वापस पाने के लिए यह व्रत रखा था। जब पांडव सारा राजपाठ जुए में हार गए, तब द्रौपदी ने छठ व्रत रखा था। इस व्रत से उनकी मनोकामना पूरी हुई थी और पांडवों को सब कुछ वापस मिल गया, इसलिए छठ के मौके पर सूर्य की पूजा फलदायी माना जाता है। इसके अलावा यदि नि: संतान महिलाएं यह पूजा करती हैं, तो उन्हें संतान की प्राप्ति होती है। इस बात बात का प्रमाण है कि छठ पूजा की शुरुआत बिहार के मुंगेर जिले से हुई थी।
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