धर्म

कब है शरद पूर्णिमा? जान लें सही तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन श्रद्धापूर्वक पूजा करने से जीवन में सुख-शांति आती है और चिंताओं और परेशानियों से मुक्ति मिलती है। आइए जानते हैं इस साल कब रखा जाएगा शारदा पूर्णिमा व्रत और क्या है शुभ मुहूर्तहर साल शरद पूर्णिमा का व्रत आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी के दिन मनाया जाता है। इस दिन धन की देवी माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा करने की परंपरा है। शरद पूर्णिमा की रात बहुत खास मानी जाती है। इस रात चांद पूरी तरह से चमकता है यानी की चांद 16 कलाओं से पूर्ण रहता है।  मान्यता है कि इस दिन चंद्रमा की किरणें से धरती पर अमृत वर्षा होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन श्रद्धापूर्वक पूजा करने से जीवन में सुख-शांति आती है और चिंताओं और परेशानियों से मुक्ति मिलती है। आइए जानते हैं इस साल कब रखा जाएगा शारदा पूर्णिमा व्रत और क्या है शुभ मुहूर्त। आइए जानते हैं.शरद पूर्णिमा 2024 तिथि 
अश्विन माह की पूर्णिमा तिथि का आरंभ: 16 अक्टूबर, रात्रि 08 बजकर 40 मिनट पर
अश्विन माह की पूर्णिमा तिथि समाप्त: 17 अक्टूबर, सायं 04 बजकर 55 मिनट पर
शरद पूर्णिमा का पर्व 16 अक्टूबर को मनाया जाएगा। चन्द्रोदय का समय 05 बजकर 05 मिनट रहेगा। शरद पूर्णिमा का महत्व
शरद पूर्णिमा की रात बहुत खास मानी जाती है। इस रात चंद्रमा पूरी तरह चमकता है यानी चंद्रमा 16 कलाओं से परिपूर्ण होता है।  मान्यता है कि इस दिन चंद्रमा की किरणें से धरती पर अमृत वर्षा होती है। इस रात लोग खीर बनाकर चांद की रोशनी में रखते हैं। इससे सात्विकता में अमृत मिल जाएगा। इस अमृत युक्त दूध का सेवन करने से स्वास्थ्य बेहतर होता है और जीवन की समस्याएं दूर होती हैं।शरद पूर्णिमा के दिन न करें ये गलतियां
शरद पूर्णिमा के दिन कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। आइए जानते हैं क्या हैं वो बातें।

  • शरद पूर्णिमा के दिन भूलकर भी मांस या शराब का सेवन नहीं करना चाहिए। इसके अलावा आपको प्याज और लहसुन खाने से भी बचना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि इससे देवी लक्ष्मी नाराज हो सकती हैं और व्यक्ति को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ सकता है।
  • शरद पूर्णिमा के दिन काले कपड़े पहनने से बचना चाहिए। इस दिन सफेद कपड़े पहनना बहुत शुभ माना जाता है।
  • शारदा पूर्णिमा के दिन घर में लड़ाई-झगड़े से बचना चाहिए। कहा जाता है कि इससे देवी लक्ष्मी नाराज हो सकती हैं।
डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): ये लेख लोक मान्यताओं पर आधारित है। यहां दी गई सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए  जगन्नाथ डॉट कॉम उत्तरदायी नहीं है।

Manoj Mishra

Editor in Chief

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