वाराणसी: सावन का महीना भगवान शिव को बेहद प्रिय है. इस महीने की शिवरात्रि का अपना विशेष महत्व होता है. भगवान शिव की कृपा पाने के लिए इस दिन को बेहद खास माना जाता है. इस महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को सावन की शिवरात्रि मनाई जाती है. इस शिवरात्रि का महत्व भी महाशिवरात्रि के बराबर ही होता है. वैदिक पंचांग के अनुसार, इस बार सावन की शिवरात्रि पर कई शुभ संयोग भी बन रहे हैं, जो आपकी किस्मत के बंद दरवाजे को खोल सकता है.काशी के ज्योतिषाचार्य पंडित संजय उपाध्याय ने बताया कि 2 अगस्त 2024 को दोपहर बाद 3 बजकर 24 मिनट से चतुर्दशी तिथि की शुरुआत होगी, जो अगले दिन यानी 3 अगस्त को शाम 3 बजकर 26 मिनट तक रहेगा. ज्योतिषशास्त्र के अनुसार शिवरात्रि के दिन निशा काल में भगवान शिव के पूजन का विधान है. इसलिए यह सावन की शिवरात्रि 2 अगस्त शुक्रवार के दिन मनाया जाएगा. इस दिन ही भक्त सावन के शिवरात्रि का व्रत रखेंगे.बन रहा अद्भुत संयोग, बरसेगी माता लक्ष्मी की कृपा
सावन के शिवरात्रि पर इस बार सर्वार्थ सिद्धि योग और शुक्रवार के दिन का अद्भुत संयोग है. यज संयोग भगवान शिव के साथ माता लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए बेहद शुभ है. इसलिए इस दिन गन्ने के जूस, गंगा जल में गुलाब जल डालकर अगर भगवान शिव का रुद्राभिषेक किया जाए तो इससे हर मनोरथ सिद्ध होगा.नहीं कर पाए रुद्राभिषेक तो करें ये काम
इस दिन जो व्यक्ति भगवान शिव का रुद्राभिषेक नहीं कर पाता, वो शिव मंदिर में उन्हें जल अर्पित के साथ तीन बेलपत्र अर्पित कर सकते हैं. इससे भी रुद्राभिषेक के बराबर ही फल मिलता है. इसके अलावा इस दिन व्रत रखने का भी विशेष महत्व है.

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