हज़ार बर्क़ गिरे लाख आंधियां उठें वो फूल खिल के रहेंगे जो खिलने वाले हैं’, साहिर लुधियानवी की ये लाइन मानों उन पांच बहनों के लिए ही लिखी गई हैं जिन्होंने हालातों से लड़कर न सिर्फ पढ़ाई की, बल्कि RAS अफसर बनीं। जो राज्य कन्या भ्रूण हत्या और बाल विवाह जैसी कुरीतियों के बदनाम था आज उसी राज्य की पांच बेटियों की हर कोई मिसाल देता है। पांच अफसर बहनों की उन तमाम लड़कियों के लिए प्रेरणा हैं जो कुछ बनने का सपना देख रही हैं।राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले का छोटा सा गांव भेरूसरी अपनी अलग पहचान बना चुका है। कुछ लोग इसे पांच अफसर बहनों वाला गांव भी कहते हैं। किसान परिवार से निकली पांच लड़कियों ने राजस्थान की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षाओं में से एक राजस्थान प्रशासनिक सेवा (RAS) क्रैक करके पूरे देश में अपने परिवार का नाम रोशन किया है।
अनपढ़ किसान हैं पिता
भेरूसरी गांव के रहने वाले सहदेव सहारण एक छोटे किसान हैं। वे खुद को और अपनी पत्नी लक्ष्मी को अनपढ़ बताते हैं। लेकिन पढ़ाई की असली ताकत बखूबी समझते हैं। खुद भले ही पढ़ाई नहीं कर पाए लेकिन उन्हीं की बदौलत आज उनकी पांचों बेटियां RAS हैं। वे कहती हैं कि उनकी सफलता का राज उनके पिता हैं, जिन्होंने हमेशा उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।जमीन का छोटा सा टुकड़ा और उसमें भी तमाम तरह की परेशानियां। अच्छी पैदावार मिलना मुश्किल होता था। यही वजह रही कि खराब आर्थिक स्थिति के चलते बेटियों की स्कूल फीस भरी जाती थी। फिर भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। बेटियों ने भी किसान पिता की मजबूरी को समझा और घर पर रहकर खूब पढ़ाई की
पहले दो बहनों ने एक साथ क्रैक किया था RAS एग्जाम
जैसे-तैसे ग्रेजुएशन के बाद बड़ी बहनों रोमा और मंजू ने की तैयारी शुरू कर दी। दोनों ने राजस्थान एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस (RAS) को अपना लक्ष्य बना लिया। साल 2010 में रोमा परिवार की पहली RAS ऑफिसर बनीं। फिर 2017 में मंजू भी एग्जाम क्रैक करके अफसर बन गईं।
छोटी तीन बहनों को मिली प्रेरणा
बड़ी दो बहनों से प्रेरित होकर तीन छोटी बहनों ने भी सरकारी नौकरी की तैयारी शुरू कर दी। हालांकि तब तक दो बड़ी बहनों के अफसर बनने से घर के हालात थोड़े बेहतर हो गए थे ।घर में पढ़ाई का माहौल और स्टडी मटेरियल तो पहले से था ही। इसलिए तीनों बहनों को होने में ज्यादा समय नहीं लगा। छोटी बहनें अंशु और सुमन ने भी 2018 में RAS एग्जाम पास किया। इसके बाद 2021 में ऋतु भी आरएएस ऑफिसर बन गईं।





