प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत पर नौसेना कर्मियों के साथ दिवाली मनाई। उन्होंने इसे ‘आत्मनिर्भर भारत’ का एक विशाल प्रतीक बताया। आज इस मौके पर आपको आईएनएस विक्रांत की कुछ खासियतों से रूबरू कराते हैं। बता दें कि भारत के पहले स्वदेश निर्मित विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत को 2022 में नौसेना में शामिल किया गया।
भारत में सबसे बड़ा
आईएनएस विक्रांत भारत में निर्मित सबसे बड़ा युद्धपोत है। इसे एक चलता-फिरता शहर कहा जाता है। यह आईएनएस विक्रमादित्य के बाद भारत का दूसरा परिचालन विमानवाहक पोत भी है। इसका नाम इसके पूर्ववर्ती के नाम पर रखा गया है, जिसने साल 1971 में पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध में बड़ी भूमिका निभाई थी।
दो फुटबॉल मैदानों जितना बड़ा
अगर आईएनएस विक्रांत की लंबाई-चौड़ाई की बात करें तो यह 262 मीटर लंबा है। इसकी चौड़ाई 62 मीटर है। इसे इस तरह से भी समझ सकते हैं कि यह युद्धपोत आकार में दो बड़े फुटबॉल मैदानों जितना बड़ा है। लंबाई की बात करें तो यह 18 मंजिला इमारतों जितना लंबा है। वहीं, इसका हैंगर दो ओलंपिक साइज के पूल जितना बड़ा है।
30 एयरक्राफ्ट हो सकते हैं तैनात
आईएनएस विक्रांत युद्धपोत पर एक बार में 30 एयरक्राफ्ट तैनात किए जा सकते हैं। इसमें मिग 29-के फाइटर जेट्स और हेलिकॉप्टर्स भी शामिल हैं। इसके अलावा इस पर करीब 1600 क्रू मेंबर्स सवार हो सकते हैं। इस युद्धपोत को बनाने में एक दशक से भी ज्यादा का समय लगा। इसमें 16 बेड का अस्पताल, 250 टैंकर का ईंधन और 2400 कंपार्टमेंट्स हैं।





