देश दुनिया

MP में बदले जाएंगे 60 साल पुराने नियम, सरकारी कर्मचारी अब ले सकेंगे बड़ी कीमत के गिफ्ट, मचा सियासी घमासान

मध्य प्रदेश सरकार अपने 60 साल पुराने सिविल सेवा आचरण नियमों में बदलाव करने जा रही है. नए नियमों के तहत चपरासी से लेकर बड़े अफसर तक कोई भी कर्मचारी एक महीने की सैलरी के बराबर कीमत तक का उपहार स्वीकार कर सकेगा. साथ ही, अगर वे अपने घर के लिए कोई सामान खरीदते हैं, तो इसकी जानकारी सरकार को देने की जरूरत नहीं होगी. इस फैसले ने मध्य प्रदेश में सियासी हलचल तेज कर दी है और सत्तापक्ष व विपक्ष के बीच जमकर बयानबाजी शुरू हो गई है.

भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाला कदम
विपक्षी दल कांग्रेस ने इस बदलाव को भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाला कदम बताया है. उनका कहना है कि यह नियम सरकारी कर्मचारियों को भ्रष्टाचार का खुला लाइसेंस देगा. दूसरी ओर, सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने इसे सामान्य और सतत चलने वाली प्रक्रिया करार दिया है. बीजेपी का कहना है कि यह बदलाव नियमों को और अधिक व्यावहारिक बनाने के लिए किया जा रहा है.

दरअसल, मध्य प्रदेश में सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के सख्त प्रावधानों को कुछ सरल करने की दिशा में सरकार ने कदम उठाए हैं. इस मुद्दे पर उच्च स्तर पर तीन दौर की चर्चा हो चुकी है और नए नियमों का मसौदा (ड्राफ्ट) भी तैयार कर लिया गया है. सरकार की कोशिश है कि दीपावली से पहले इस मसौदे को कैबिनेट की मंजूरी मिल जाए और इसे अधिसूचित (नोटिफाई) कर दिया जाए. इसके बाद 1965 के पुराने नियम 2025 में संशोधित नियमों में बदल जाएंगे.यह बदलाव सरकारी कर्मचारियों के लिए नियमों को और लचीला बनाने की दिशा में एक कदम माना जा रहा है. हालांकि, विपक्ष का आरोप है कि इससे पारदर्शिता कम होगी और भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलेगा. वहीं, सरकार का तर्क है कि पुराने नियम आज के समय में अव्यवहारिक हो गए थे, इसलिए इन्हें बदलना जरूरी था. इस मुद्दे पर दोनों पक्षों के बीच तीखी बहस जारी है और आने वाले दिनों में यह सियासी विवाद और गहरा सकता है. सरकार का लक्ष्य है कि नए नियम जल्द लागू हों, लेकिन विपक्ष की आपत्तियों के बीच इसे लागू करना सरकार के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है.

Manoj Mishra

Editor in Chief

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button