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आदि कर्मयोगी अभियान के राज्य नोडल अधिकारी एम. राज मुरूगन कबीरधाम के ग्रामीणों से किया सीधा संवाद

आदि कर्मयोगी अभियान के तहत जिले के 275 ग्रामों का विकास विजन, विशेष ग्राम सभाओं में हुआ पारित
वनांचल में ऐतिहासिक ग्राम सभा, ग्रामीणों की मांग बनेंगी विकास योजना का हिस्सा

कबीरधाम। भारत सरकार के महत्वाकांक्षी आदि कर्मयोगी अभियान के तहत कबीरधाम जिले के बोड़ला विकासखंड के सुदूर वनांचल ग्राम पंचायत तितरी, बरेन्डा और खारा में गांधी जयंती 2 अक्टूबर को आयोजित विशेष ग्राम सभाओं के साथ नई दिशा में आगे बढ़ा। इन ग्राम पंचायत के ग्राम सभा में भारत सरकार द्वारा नियुक्त छत्तीसगढ़ राज्य नोडल अधिकारी एवं भारत सरकार के ट्राईफेड के प्रबंध संचालक एम. राज मुरूगन विशेष रूप से कबीरधाम पहुंचे। उन्होंने ग्राम सभाओं में शामिल हुए और वर्ष 2030 तक के ग्राम विकास के कार्याे को आगे बढ़ाया।

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री स्व. लाल बहादुर शास्त्री की जयंती के अवसर पर भारत सरकार द्वारा नियुक्त छत्तीसगढ़ राज्य नोडल अधिकारी एम. राज मुरूगन सहित सभी अधिकरियो ने ग्राम सभाओं में अधिकारियों ने ग्रामीणों के बीच जमीन पर बैठकर चौपाल लगाकर और सीधे संवाद किया। ग्रामीणों ने गांव की समस्याओं और आकांक्षाओं को सामने रखा, जिनमें स्वच्छ पेयजल, पक्की सड़क, प्राथमिक विद्यालयों की बेहतर व्यवस्था, 24 घंटे स्वास्थ्य सेवाएं, महतारी सदन निर्माण, सामुदायिक वन संसाधन पत्र, नदी पर पुल-पुलिया निर्माण, निर्बाध बिजली और नए ट्रांसफार्मर लगाने की मांग प्रमुख रही।

आदि कर्मयोगी अभियान के राज्य नोडल अधिकारी श्री मुरुगन ने जिले के बोड़ला विकासखण्ड के ग्राम पंचायत तितरी, ग्राम पंचायत बरेंडा और ग्राम पंचायत खारा में आयोजित ग्राम सभा मे ग्राम विकास के लिए प्रस्ताविक कार्ययोजना का बारीकी से निरीक्षण किया और आवश्यक दिशा निर्देश दिए। इस दौरान उनके साथ भारत सरकार से जिले के लिए नियुक्त श्रीमती विजय लक्ष्मी तारा, कलेक्टर गोपाल वर्मा, जिला पंचायत सीईओ अजय त्रिपाठी, आदिम जाति विकास विभाग से सहायक आयुक्त सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।

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राज्य नोडल अधिकारी मुरूगन ने कहा कि आदि कर्मयोगी अभियान का उद्देश्य है कि गांव की जरूरतें अब गांव वाले खुद तय करें। उन्होंने बताया कि इस अभियान के अंतर्गत ग्राम विजन योजना 2030 तैयार की जा रही है, जिसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, आजीविका, आधारभूत ढांचा और परंपराओं के संरक्षण जैसे सभी पहलुओं को शामिल किया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि ग्रामीणों की आकांक्षाओं को इस विजन योजना में जोड़ा जाएगा, ताकि गांव आत्मनिर्भर और विकसित बन सकें। उन्होंने आगे बताया कि अभियान में केंद्र सरकार के 17 मंत्रालयों की 25 गतिविधियाँ सम्मिलित हैं। कबीरधाम जिले के 275 गांव इस योजना में शामिल किए गए हैं, जिनमें बोड़ला विकासखण्ड के 226, पंडरिया विकासखण्ड के 41 सहसपुर-लोहारा विकासखण्ड के 7 और कवर्धा विकासखण्ड का 1 ग्राम शामिल हैं।

जिला पंचायत सीईओ अजय त्रिपाठी ने कहा कि इस अभियान के तीन स्तंभों पर आधारित है आदि कर्मयोगी, अधिकारी जो योजनाओं का अभिसरण और उत्तरदायी वितरण सुनिश्चित करते हैं। आदि सहयोगी, शिक्षक, डॉक्टर, युवा और शिक्षित आदिवासी, जो शिक्षा, स्वास्थ्य और नवाचार तक पहुंच बनाते हैं और आदि साथी स्वयं सहायता समूह, ग्रामीण, जनजातीय बुजुर्ग और सामुदायिक सूत्रधार, जो परंपराओं और स्थानीय ज्ञान को संरक्षित कर समाज को मजबूत करते हैं।

गांधी-शास्त्री जयंती पर आयोजित इन विशेष ग्राम सभाओं ने न केवल ग्रामीणों को अपनी बात सीधे रखने का अवसर दिया, बल्कि यह भी सुनिश्चित हुआ कि उनकी समस्याएं और आकांक्षाएं अब भविष्य की योजनाओं का हिस्सा बनेंगी। संबन्धित ग्राम पंचायतों के पंच, सरपंच, ग्रामीणजन, वरिष्ठ जन और भारी संख्या में महिलाएं उपस्थित रहे।

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Manoj Mishra

Editor in Chief

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