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साय सरकार की कृषि नीतियों का असर, किसानों की होगी बल्ले-बल्ले, फिर टूटेगा धान खरीदी का रिकार्ड

रायपुर। विष्णुदेव साय सरकार की कृषि नीतियों से एक बार फिर किसानों की बल्ले-बल्ले होने जा रही है। दरअसल, इस साल अच्छी बारिश होने से इस बार भी बंपर फसल होने की पूरी संभावना है। इससे किसानों को भी ज्यादा फायदा होगा। इस बार किसानों को समर्थन मूल्य पर खाद, बीज और रियायती दर पर अल्पकालिक ऋण मुहैय्या कराने में सरकार और सरकारी अमले ने जमीनी प्रयास किए, जिसका असर खेतों में अच्छी फसल के रूप में नजर आ रहा है। छत्तीसगढ़ सरकार हर साल किसानों से समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी करती है। खरीफ वर्ष 2023-24 में समर्थन मूल्य पर करीब 24 लाख 72 हजार किसानों से धान खरीदी हुई। इन किसानों से 144.92 लाख यानी करीब 145 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा गया। धान खरीदी के इस आंकड़े ने पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए।

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में साल दर साल धान खरीदी का नया रिकॉर्ड बनता जा रहा है। साल 2019 में जहां करीब 80 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई थी, वहीं साल 2023 आते तक यह आंकड़ा 145 लाख मीट्रिक टन पहुंच गया। इस साल भी रिकॉर्ड धान खरीदी की उम्मीद की जा रही है। साल का सबसे बड़ा त्यौहार दीवाली नजदीक है और धान बिक्री के बाद किसानों के जेबें भरे रहने से बाजार में भी रौनक आने की संभावना है। यही वजह है कि हर साल व्यापारी इस बार की उम्मीद करते हैं कि किसानों की फसल अच्छी हो, ताकि वे त्यौहारी खरीददारी करें और बाजार में रोलिंग शुरू हो।

पिछले 5 वर्षों की बात करें तो साल 2019 में 80.37 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी हुई थी। वहीं, साल 2020 में 83.94 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा गया। साल 2021 में यह आंकड़ा बढ़कर 92 लाख मीट्रिक टन धान तक पहुंच गया। इसके बाद साल 2022 में 107 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी की गई। जबकि साल 2023 में 145 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी ने पिछले तमाम आंकड़ों को ध्वस्त कर नया रिकार्ड बनाया। इस बार संभावना जाहिर की जा रही है कि पिछले वर्ष से भी ज्यादा मात्रा में धान की खरीदी होगी।

धान खरीदी का समर्थन मूल्य

छत्तीसगढ़ में किसानों से सरकार 21 क्विंटल प्रति एकड़ 3100 रुपए के भाव से धान खरीद रही है। इस बार भी खरीफ सीजन में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की तैयारियां चल रही है। खाद्यमंत्री दयालदास बघेल पहले ही समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के लिए बारदाने का इंतजाम, धान खरीदी केंद्रों में इंटरनेट कनेक्शन, कम्प्यूटर और नापतौल उपकरणों को सही करने के निर्देश दे चुके हैं। उल्लेखनीय है कि साल 2023 में 96 दिनों तक धान खरीदी चली थी। सीएम साय ने 31 जनवरी 2023 को खत्म होने वाले धान खरीदी की तारीख को बढ़ाकर चार फरवरी कर दिया था। जिससे किसानों को धान बेचने के लिए ज्यादा वक्त मिल पाया और उन्हें बड़ा फायदा भी हुआ। राज्य सरकार की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2023-24 खरीफ वर्ष में समर्थन मूल्य पर 144.92 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई। जबकि साल 2022-23 के खरीफ साल में 107.53 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई। साल 2023-24 खरीफ वर्ष में कुल 37.39 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी ज्यादा हुई।

पहले रूठे, फिर जमकर बरसे बदरा

छत्तीसगढ़ में दक्षिण पश्चिम मानसून ने 8 जून को दस्तक दे दी थी, लेकिन शुरू के काफी समय तक बारिश नहीं हुई। इससे किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें साफ तौर पर उभरी नजर आई। हालांकि जुलाई मध्य आते-आते छिटपुट बारिश प्रारम्भ हुई और सावन की शुरूआत के साथ ही झमाझम बरसात का दौर प्रारंभ हो गया। इससे किसानों को काफी संबल मिला। बारिश हालांकि अब भी हो रही है, लेकिन सावन की बरसात ने अब तक बारिश का पूरा कोटा पूरा कर दिया। प्रदेश में इस बार सामान्य से 6 फीसद ज्यादा बारिश हुई है।

कई जगह अति बारिश ने बढ़ाई चिंता

इस बार बस्तर और सरगुजा जैसे पहाड़ी इलाकों में जमकर बारिश हुई है। हालात यह है कि इन इलाकों में बाढ़ के चलते हाहाकार मचा रहा। इससे इन इलाकों के आदिवासी किसानों की चिंता जरूर बढ़ी। सरगुजा संभाग के कई इलाकों में तो अब भी बाढ़ जैसे हालात हैं। 26 सितंबर तक छत्तीसगढ़ में बारिश ने 1200 मिलीमीटर के लेवल को पार कर दिया। पिछले डेढ़ दशक यानी 15 सालों में पांचवीं बार 1200 मिलीमीटर के आंकड़े को बारिश ने पार किया। वहीं मैदानी इलाकों में अच्छी बारिश से किसानों की फसल भी इस साल अच्छी होने की उम्मीद है। मौसम विभाग के मुताबिक, अक्टूबर महीने के शुरूआत में ही मानसून की विदाई शुरू हो जाएगी।

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